
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और समीपवर्ती दक्षिण-पूर्व में बना निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया तथा मंगलवार शाम को यह दबाव में बदल गया. यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में चेन्नई से दक्षिण-पूर्व में 490 किलोमीटर और नेल्लोर से 590 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है, जिसकी 17 अक्टूबर की सुबह चेन्नई के पास पुडुचेरी और नेल्लोर के बीच तमिलनाडु-दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों को पार करने की संभावना है.
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में बुधवार को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. 17 अक्टूबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों सहित दक्षिण-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. गुरुवार के बाद मौसम के धीरे-धीरे नीचे आने की उम्मीद है.
इससे पहले, बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र होने के कारण आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई. कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी हिस्से से पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया. मौसम विभाग ने मंगलवार को तटीय आंध्र प्रदेश और यानम में तेज बारिश की संभावना जताई थी.
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रायलसीमा क्षेत्र में भी इसी तरह के मौसम की संभावना थी और मंगलवार सुबह तक कई जगहों पर भारी बारिश हुई. नेल्लोर जिले में कावली में 15 सेंटीमीटर, अडकी (बापटला) 14 सेंटीमीटर, कंदुकुर (नेलोर) 12 सेंटीमीटर, यानम 9 सेंटीमीटर और एटमकूर (नेलोर) 8 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई.
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) ने पश्चिमी गोदावरी, एलुरु, कृष्णा और एनटीआर जिलों के कुछ हिस्सों में मंगलवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई थी. अब गुंटूर, बापटला, पालनाडु, प्रकाशम, नेल्लोर, नंदयाला, अन्नामय्या, चित्तूर, तिरुपति और कुरनूल जिलों में भी इसी तरह के मौसम की भविष्यवाणी की गई है.
इसी तरह, तट पर 55 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की आशंका है. एपीएसडीएमए के प्रबंध निदेशक आर कुर्मनध ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. साथ ही मछुआरों से समुद्र में जाने से बचने की अपील की है.