एमपी में लौटते मानसून से धान और सोयाबीन की फसल को हुआ भारी नुकसान (सांकेतिक फोटो)इस साल माॅनसून के असमान वितरण की वजह से देश के अधिकांश इलाकों में Crops Damage हुई है. मॉनसून के शुरुआती दौर में कम बारिश ने North India में जायद की फसलों को नुकसान पहुंचाया. इतना ही नहीं, पानी की कमी के कारण खरीफ सीजन में धान सहित अन्य फसलों की बुआई विलंबित हो गई. इसके बाद सितंबर के अंतिम सप्ताह में समूचे उत्तर भारत में हुई Heavy Rain ने खरीफ की सभी फसलों को नष्ट कर दिया. मॉनसून की तबाही इतने पर ही नहीं रुकी. अब लौटते माॅनसून ने भी कुछ इलाकों में उम्मीद से ज्यादा बारिश ने मध्य प्रदेश सहित तमाम इलाकों में किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. एमपी की राजधानी भोपाल और आसपास के इलाकों में किसानों को सोयाबीन और धान की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. भारतीय किसान संघ (BKS) ने राज्य की मोहन यादव सरकार के समक्ष किसानों के संकट का मुद्दा उठाया है.
भारतीय किसान संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी अखिलेश मीणा ने बताया कि इस साल मॉनसून ने किसानों के सामने बड़ी मुसीबत पैदा कर दी है. मीणा ने बताया कि पिछले 3 दिन से भोपाल संभाग में हो रही लगातार बारिश के कारण हुजूर तहसील के कई गांवों में फसलें नष्ट हो गई हैं.
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गौरतलब है कि एमपी के मालवा और नर्मदापुरम संभाग के किसान सरकार से सोयाबीन की उपज 6000 रुपये प्रति कुंतल कीमत पर खरीदने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. किसानों को साल दर साल हो रहे नुकसान के कारण सोयाबीन का रकबा भी घटता जा रहा है. मीणा ने कहा कि किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है और सरकार उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में किसान एक और आंदोलन करने के लिए विवश होंगे.
बीकेएस के प्रवक्ता राहुल धूत ने कहा कि एमपी में सोयाबीन की फसल मौसम के कारण पहले ही खराब हो चुकी है. अब लौटते मॉनसून में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश ने किसानों की धान की फसल को नष्ट कर दिया है.
उन्होंने कहा कि संगठन के नेताओं ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात की थी. इसमें सीएम यादव ने किसानों को Natural Calamity से हुए नुकसान की भरपाई करने का भरोसा दिलाया था. धूत ने कहा कि पिछले 3 दिनों में हुई बारिश से किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए बीकेएस ने सरकार से यथाशीघ्र सर्वे कराने की मांग की है. जिससे किसान समय से Rabi Season की फसलों की बुआई कर सकें. उन्होंने कहा कि जब तक सर्वे का काम शुरू नहीं होगा, तब तक किसान खेतों में काम नहीं कर पाएंगे.
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मीणा ने बताया कि अकेले भोपाल जिले के दर्जन भर गांवों किसानों की फसल का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इसमें हुजूर तहसील के अधिकतर गांवों में भारी सोयाबीन और धान की फसल लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गई है. इनमें ईंटखेड़ी छाप, कैजलाश, लखापुर, मुगालिया छाप, लसूडिया, कोरिया, खजूरी सड़क, माली खेड़ी और सिकंदराबाद गांव में शत प्रतिशत फसलें बारिश में जलमग्न हो गई है.
उन्होंने कहा कि BKS ने नुकसान से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए गांवों की सूची जिला प्रशासन को मुहैया करा दी है. प्रशासन ने मांग की गई है कि इन गांवों में सबसे पहले नए सिरे से Crops Survey कराकर नुकसान का वास्तविक आंकलन किया जाए. जिससे किसानों को यथाशीघ्र मुआवजा मिल सके और वे रबी फसलों की बुआई का काम शुरू कर सकें.
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