बिहार के जहानाबाद में इन दिनों भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है. बारिश की वजह से फल्गु नदी उफान पर है. हालात ऐसे हैं कि आसपास के गांव कभी भी जलमग्न हो सकते हैं. ऐसे में आज तेज बहाव में एक सड़क बह गई. वहीं सालावास रोड स्थित इस फैक्ट्री की दीवार के पीछे मजदूरों ने रहने के लिए टीन का शेड बना रखा था. इसमें कई परिवार रह रहे थे. वहां चूरा बनाया जाता था. रात करीब 1:00 बजे मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो गया. दीवार के आसपास पानी जमा होने लगा. सुबह करीब 3 बजे दीवार अचानक गिर गई. जिससे तीन परिवारों के 13 लोग दब गए. बोरानाडा थाना पुलिस को सूचना मिलते ही थानाधिकारी शकील मोहम्मद मौके पर पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी. रोशनी की व्यवस्था कर मजदूरों को निकालने के प्रयास शुरू किए गए.
टोंक जिले में बीती रात करीब 9 बजे से आज सुबह 8 बजे तक लगातार हुई बारिश ने कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया है. जिले के नगर फोर्ट कस्बे में सबसे ज्यादा 321 मिमी बारिश दर्ज की गई है. बारिश के दौरान तेज हवाएं भी देखने को मिली है. बारिश का सबसे ज्यादा कहर उनियारा कस्बे में देखने को मिला है जहां आसपास के बरसाती नालों व छप्पनजी तालाब का पानी ओवरफ्लो होकर कस्बे में घुसने से वहां बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं. मुख्य बाजार, पुलिस थाना, कोर्ट परिसर व निचली बस्तियां जलमग्न होने के साथ ही कस्बे से गुजर रहे पुराने टोंक-सवाई माधोपुर एनएच-116 पर कई फीट पानी बहता नजर आया. कस्बेवासियों ने इस स्थिति के लिए नगर पालिका उनियारा को जिम्मेदार ठहराते हुए बरसाती नालों के पानी की निकासी गलवा बांध के बरसाती नाले में करवाने की मांग की है. नगर फोर्ट क्षेत्र में हुई रिकॉर्ड बारिश के कारण उनियारा व नगर फोर्ट का सड़क संपर्क भी बाधित हो गया है. यह पूरी तरह से कट गया है. नगर पालिका द्वारा जेसीबी मशीनों की सहायता से कुछ क्षेत्रों से पानी की निकासी शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन नालियों में बरसात का पानी भरा होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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टोंक-सवाई माधोपुर सीमा पर ईसरदा बांध क्षेत्र के नीचे बनास नदी में एक युवक पिछले 15 घंटे से पानी में फंसा हुआ है. जानकारी के अनुसार युवक टोंक जिले के बनेठा गांव से ईसरदा क्षेत्र के सोलपुर गांव आ रहा था. इसी दौरान बनास नदी में अचानक पानी बढ़ जाने से युवक ईसरदा बांध के निचले क्षेत्र में बनास नदी के बीचों बीच फंस गया. जान बचाने के लिए युवक बनास से गुजर रही बिजली लाइन के बिजली के खंभे का सपोर्टिंग तार पकड़ कर खड़ा है. ग्रामीणों को आज सुबह सूचना मिली कि युवक बीती रात से बनास नदी में फंसा हुआ है. इसके बाद से ग्रामीणों द्वारा युवक को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
वलसाड औरंगा नदी के पास कश्मीरा कस्बे में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए वलसाड नगर पालिका के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर 400 लोगों को सुरक्षित निकालकर शेल्टर होम में रखा है. जबकि बचे हुए लोगों के लिए भी वलसाड पुलिस द्वारा लोगों के घरों और पास के स्कूलों में रहने की व्यवस्था की जा रही है. वलसाड फायर ब्रिगेड की टीम भी हर घर में जाकर जरूरत पड़ने पर कीमती सामान निकालने में मदद कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने सभी बिक्री क्षेत्रों को चिन्हित कर सभी जरूरी चीजों की व्यवस्था करने के लिए सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है.
गिरणा और मोसम नदियों में अचानक बाढ़ आने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा था. इसलिए ये 15 लोग 20 घंटे से अधिक समय तक नदी में फंसे रहे. नगर निगम प्रशासन, दमकल विभाग, एसडीआरएफ के जवान युवकों को बचाने की पूरी कोशिश में जुट गए. हालांकि नदी की तलहटी में पानी का बहाव तेज होने के कारण वे युवकों को बाहर नहीं निकाल सके. एसडीआरएफ के पास पर्याप्त सामग्री न होने के कारण वह कुछ नहीं कर सका. दूसरी ओर इसके बाद प्रशासन ने आखिरकार वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से बीस घंटे बाद इन 15 लोगों को सुरक्षित बचा लिया. जिससे इन 15 लोगों ने राहत की सांस ली. साथ ही इस मौके पर दमकल विभाग, पट्टी के तैराकों और एसडीआरएफ की टीम की भी मदद ली गई.
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यूपी के बांदा में रुक-रुक कर हो रही बारिश लोगों के लिए मौत का सबब बन गई है. तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही थी, इसी दौरान बिजली का खंभा टूटकर गिरने से उसके नीचे दबकर एक छात्र की मौत हो गई. परिजनों ने बिजली विभाग के अफसरों पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया. मौके पर पहुंचे एसडीएम और डीएसपी ने परिजनों को समझाया, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इधर, पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर बिजली विभाग के अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.
जबलपुर और आसपास के जिलों में लगातार हो रही बारिश के चलते बरगी डैम पूरी तरह से लबालब हो गया है. हालात ये हैं कि एक दिन में बरगी डैम के गेट चार बार खोलने पड़े. फिलहाल बरगी डैम के 21 में से 17 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है. 5 घंटे के अंतराल में चार गेट खोलने और फिर चार गेट फिर खोलने के बाद अब कल 17 गेटों से 1 लाख 77 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नर्मदा के तटीय और निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
गुजरात के वलसाड में एक पुल का पिलर गिर गया. वलसाड जिले के पार्टी उमरसारी देसाई वड विस्तार के समुद्र तट पर बन रहे नए पुल पर काम चल रहा था. पिलर गिरने से ठेकेदार और सरकार पर कई सवाल उठे हैं.
गंगा में आई बाढ़ के कारण श्मशान घाट मणिकर्णिका घाट भी पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिसके कारण अब ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए बनाए गए ऊंचे प्लेटफॉर्म यानी छत पर शवदाह शुरू हो गया है.