देश के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा देखा जा रहा है. दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक बारिश और बाढ़ का कोहराम मचा हुआ है. पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित है. इधर दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से आसपास के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. दिल्ली और नोएडा में किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं. उधर राजस्थान में भी भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और खेती-बाड़ी चौपट हो गई है. आइए अलग-अलग जगहों में बाढ़ के हालात की एक रिपोर्ट जान लेते हैं.
यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-128 असगरपुर के पुस्ता के नीचे गुलाब की खेती पूरी तरह जलमग्न हो गई है. खेतों के साथ किसानों की झोपड़ियों में भी पानी घुस गया, जिसके बाद वहां से किसानों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है.
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के पार बह रही है और लगातार पानी में इजाफा देखा जा रहा है. इसका असर दिल्ली के कालिंदी कुंज घाट पर साफ नजर आ रहा है. यहां जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद प्रशासन अलर्ट पर है. प्रशासन एहतियाती कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में कालिंदी कुंज घाट जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए हैं. साथ ही चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया है जिसमें लोगों से यमुना किनारे नहीं जाने के साथ ही मूर्ति विसर्जन नहीं करने की अपील की गई है.
राजस्थान में अलवर और आसपास क्षेत्र में बीते दो दिन से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है. ऐसे में नदी नालों में तेज पानी की आवक हो रही है. सिलीसेढ़ बांध में पानी अधिक बह रहा है. रूपारेल नदी में भी पानी की आवक हुई है. जयसमंद बांध में 10 फुट पानी आ चुका है. 1996 के बाद पहली बार जयसमंद बांध में इतना पानी आया है. ज्यादा पानी की आवक होने के कारण आसपास तीन गांव की प्याज, बाजरा और अन्य फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है.
राजस्थान के धौलपुर जिले में दो दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से सड़कों पर जलभराव होने से लोगों को आवागमन में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उधर पार्वती बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से पार्वती नदी पांचवीं बार उफान पर आ गई है. इसके कारण सैपऊ-बाड़ी रपट मार्ग, मालोनी खुर्द रपट मार्ग, सखवारा रपट मार्ग, ठेकुली रपट, जसूपुरा, नादौली रपट मार्ग पर करीब चार फ़ीट पानी बहने से पचास से अधिक गांव और ढाणियों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. पुलिस और प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा कर आवागमन को रोक दिया है.
उत्तराखंड में आफत की बारिश लगातार जारी है. रुद्रप्रयाग में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है. अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान को पार करते हुए बह रही हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे स्थित घरों तक पानी पहुंच चुका है और इन भवनों को पहले ही खाली करवा दिया गया है. केदारनाथ हाईवे भी बांसवाड़ा में सोमवार रात से बंद है. केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को रुद्रप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है.
उत्तराखंड के नैनीताल में 24 घंटे के भीतर 174.00 मिलीमीटर (एमएम) बारिश पड़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बरसात को लेकर जनवरी से जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अबतक 1935 एमएम बरसात हो चुकी है. मंगलवार को नैनीझील का जलस्तर 10 फीट और 2 इंच रखा गया है. झील को 12 फीट पर खतरा माना जाता है जब पानी ओवरफ्लो हो जाता है. झील की देखरेख करने वाला सिंचाई विभाग दस फीट पार होते ही निकासी गेट खोल देता है.
हिमाचल प्रदेश में जारी रेड अलर्ट के बीच मंडी जिला में बीते 3 दिनों से बारिश लगातार जारी है. इस बारिश के चलते जहां जिले में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, वहीं बंद पड़ी सड़कों को खोलना भी जोखिमपूर्ण बना हुआ है. मुख्य मार्ग चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे की बात की जाए तो एनएचएआई की मशीनरी दिन-रात इस हाईवे को खोलने के लिए जुटी है. लेकिन क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश और दवाड़ा से लेकर हणोगी टनल तक डेढ़ किलोमीटर के इस पैच में पहाड़ी से लगातार मबला आने के कारण हाईवे को खोलना एनएचएआई और मशीन ऑपरेटरों के लिए जोखिमपूर्ण बना हुआ है. चंबा के सुल्तानपुर में फ्लैश फ्लड आने से लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है. चंबा के होली में भी नाला उफान पर है जिसके कारण साथ लगती दुकानों को खाली करवा लिया गया है. दो दुकानें जमींदोज हो चुकी हैं.
पंजाब के कई क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के क्रम में सोमवार देर रात से कपूरथला में भी मूसलाधार बारिश ने कई समस्याएं पैदा कर दी हैं. शहर के कई क्षेत्रों में 5 से 6 फुट तक पानी भर गया है और निचले क्षेत्रों में लोगों के घरों में भी पानी भर गया है. इस मूसलाधार बारिश से ड्रेन सिस्टम भी ब्लॉक हो गया है. इस बारिश से शहर के जामा मस्जिद कॉम्प्लेक्स मार्केट, श्री सत्यनारायण मंदिर बाजार, कोटु चौक, ठंडी सड़क, माल रोड और कचहरी चौक के आसपास के अलावा कई पॉश इलाकों की कॉलोनी में पानी भर गया है. सतलुज , ब्यास के बाद अब काली बई का जलस्तर भी बढ़ने लगा है जिस कारण कांजली वेटलैंड पर बने 12 गेटो को खोल दिया गया है. इससे काली बई के आस पास के गावों में खतरा बन गया है.