राजस्थान के धौलपुर जिले में बीते दो दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश अब लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है. बारिश की वजह से सड़कों पर जलभराव हो गया है, जिससे आमजन को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर ग्रामीण इलाकों में हालात और भी गंभीर हो गए हैं.
पार्वती बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण पार्वती नदी एक बार फिर उफान पर आ गई है. यह इस सीजन की पांचवीं बार है जब नदी ने रौद्र रूप दिखाया है. नदी के उफान पर आने से सैपऊ-बाड़ी रपट मार्ग, मालोनी खुर्द रपट मार्ग, सखवारा रपट मार्ग, ठेकुली रपट, जसूपुरा, और नादौली रपट मार्ग पर करीब चार फीट पानी बह रहा है. इससे 50 से अधिक गांव और ढाणियां जिला मुख्यालय से कट गए हैं. प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर इन रास्तों पर बेरिकेटिंग लगाकर आवागमन पूरी तरह रोक दिया है.
धौलपुर जिले के डांग इलाके और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दो दिनों से जारी बारिश के चलते पार्वती बांध के चार गेट खोले गए हैं. बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे पार्वती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. रपट मार्गों पर पानी भरने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है.
लगातार बारिश से एनीकट, पोखर और तालाब ओवरफ्लो हो गए हैं. इससे खेतों में पानी भर गया है और कई गांवों में पानी घुस गया है. सैपऊ उपखंड क्षेत्र के गांवों जैसे- नगला रायजीत, महू गुलावली, एकटा, बौरेली, कुनकुटा, रामसहाय का पुरा, खेमरी, सहरौली, फूटा का नगला, कूकरा, सैमरा, कैथरी, घुघरई, रजौरा खुर्द, नगला ठाकुरदास, राजा का नगला, पिपरौआ, और मोतीराम का नगला में हालात गंभीर बने हुए हैं.
गांवों में पानी भरने से किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. इसके साथ ही पशुओं का चारा भी पूरी तरह नष्ट हो गया है. किसानों का कहना है कि बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है. फसल और पशुपालन दोनों ही आजीविका के साधन हैं, लेकिन दोनों ही बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक प्रशासन की ओर से फसल नुकसान का कोई सर्वे नहीं किया गया है. किसानों ने सरकार से मांग की है कि खराब हुई फसलों का जल्द से जल्द सर्वे करवा कर उन्हें मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा खेतों से पानी निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाए ताकि जल्द राहत मिल सके.
धौलपुर जिले में बारिश से बनी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. नदी का उफान, रास्तों का बंद होना, खेतों में पानी भरना और फसलों का नुकसान- ये सभी परेशानियां ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं. ऐसे में सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू कर किसानों और ग्रामीणों को सहारा देना चाहिए.(उमेश मिश्रा का इनपुट)
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