असम का अधिकांश इलाका बाढ़ से जूझ रहा है. ऊपरी असम में हालात सबसे अधिक खराब हैं. बाढ़ से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इंसानों के साथ मवेशियों की जिंदगी भी दांव पर लगी है. बुधवार सुबह असम में बाढ़ से हालात और भी बिगड़ गए जब कई जगह तेज बारिश ने पानी के स्तर को बढ़ा दिया. हालात के बारे में एक अधिकारी ने PTI को बताया कि बाढ़ से असम के नौ जिलों में 34,000 लोग फंसे हुए हैं. हजारों लोगों की परेशानी इसलिए बढ़ गई है क्योंकि असम में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही. लगातार बारिश होने से ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ गया है और इससे बाढ़ के हालात दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हैं.
भूटान सरकार और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों में असम के ऊपरी हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है जिससे ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में जल स्तर बढ़ सकता है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने कहा कि भूटान की रॉयल सरकार ने एक मौसम अपडेट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अगले दो-तीन दिनों में देश के अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ बादल छाए रह सकते हैं. इससे ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में जल स्तर बढ़ सकता है. इस जल स्तर के बढ़ने से ही असम में बाढ़ के हालात बने हैं.
एजेंसी ने आगे कहा कि भूटान और असम के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश के साथ-साथ पड़ोसी देश में कुरिछू बांध से पानी छोड़े जाने के कारण असम के पश्चिमी हिस्से में जल स्तर और बाढ़ बढ़ गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भी एक 'रेड अलर्ट' जारी किया है और अगले कुछ दिनों में असम के कई जिलों में 'बहुत भारी' से 'बेहद भारी' बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है.
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गुवाहाटी में IMD के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RMC) ने मंगलवार से 24 घंटे के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है. इसके बाद बुधवार के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' और गुरुवार के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया है. यहां रेड अलर्ट में तुरंत कार्रवाई करने की सलाह दी जाती है जबकि ऑरेंज अलर्ट में तैयार रहने का निर्देश दिया जाता है. येलो अलर्ट में निगरानी रखने और अपडेट लेते रहने की सलाह रहती है.
एएसडीएमए की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, बक्सा, बारपेटा, डारंग, डिब्रूगढ़, कोकराझार, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और उदलगुरी जिलों में बाढ़ के कारण लगभग 34,100 लोग प्रभावित हुए हैं. 22,000 से अधिक लोगों के साथ लखीमपुर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, इसके बाद डिब्रूगढ़ में लगभग 3,900 लोग और कोकराझार में 2,700 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. प्रशासन कोकराझार में एक राहत शिविर चला रहा है, जहां 56 लोगों ने शरण ली है और चार जिलों में 24 राहत वितरण केंद्र चलाए जा रहे हैं.
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एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में 523 गांव पानी में डूबे हुए हैं और पूरे असम में 5,842.78 हेक्टेयर में फसलें खराब हो गई हैं. एएसडीएमए ने कहा कि बारपेटा, सोनितपुर, बोंगाईगांव, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, कामरूप, मोरीगांव, नलबाड़ी, शिवसागर और उदलगुरी में बड़े पैमाने पर कटाव देखा गया है. कछार, दीमा हसाओ और करीमगंज में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाओं की सूचना मिली है.(PTI)