
भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा बीते दिनों पशुपालन में विभिन्न राज्यों द्वारा किए जा रहे बेहतर कार्यों का नवीनतम आंकड़ा जारी किया गया, जहां बिहार ने मांस, अंडा और दूध उत्पादन में शानदार प्रदर्शन किया है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयालक्ष्मी ने बताया कि वर्ष 2024–25 में राज्य द्वारा इन तीनों क्षेत्रों में राष्ट्रीय औसत से भी अधिक वृद्धि की है. वहीं, अंडा में लगभग 10% की ऐतिहासिक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है.
पत्रकारों से बात करते हुए विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयालक्ष्मी ने बताया कि राज्य द्वारा वर्ष 2024–25 में अंडा, दूध और मांस का उत्पादन राष्ट्रीय उत्पादन के वार्षिक वृद्धि दर से भी अधिक है. देश की जहां उत्पादन दर अंडा में 3.58 प्रतिशत रहा, वहीं राज्य का उत्पादन दर 4.24 प्रतिशत के साथ 37,838.75 लाख (संख्या लाख में) रहा, जो 2023–24 में 34,400.5 लाख के आसपास था.
इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर दूध में वृद्धि 3.58 प्रतिशत रही, जबकि बिहार की 4.24 प्रतिशत यानी 13,397 टन रही, जो 2023–24 में 12,852.99 टन के आसपास थी. अगर मांस उत्पादन की बात करें तो राष्ट्रीय उत्पादन में 2.46 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है, वहीं बिहार की वार्षिक उत्पादन वृद्धि मांस में 4.03 प्रतिशत (420.59 टन) हुई है, जबकि यही उत्पादन राज्य में 2023–24 के दौरान 404.3 टन के आसपास था. इन तीनों पशुजन्य उत्पादों में बीते एक वर्ष में इतनी बढ़ोतरी हुई है.
दूध, अंडा, मांस उत्पादन में जहां बिहार ने राष्ट्रीय औसत उत्पादन से भी अधिक उत्पादन किया है, वहीं राज्य में प्रति व्यक्ति उपलब्धता में भी सुधार हुआ है. दूध, अंडे और मांस की प्रति व्यक्ति उपलब्धता भी बढ़ी है. 2023–24 में दूध 277 ग्राम प्रतिदिन, अंडा 27 प्रति वर्ष और मांस 3.19 किलोग्राम प्रतिवर्ष उपलब्ध था. वहीं 2024–25 में यह बढ़कर दूध 285 ग्राम प्रतिदिन, अंडा 29 और मांस 3.27 किलोग्राम प्रतिवर्ष हो गया है.
साल 2024–25 के दौरान बिहार भले ही अंडा, दूध और मांस में राष्ट्रीय औसत उत्पादन से भी अधिक उत्पादन किया है, लेकिन अभी भी इन तीनों उत्पादन में देश के अंदर राज्य का स्थान शुरुआत के पांच प्रमुख राज्यों में शुमार नहीं है. दूध उत्पादन के क्षेत्र में वार्षिक वृद्धि दर के अनुसार बिहार देश में 9वें स्थान (5.14%) पर है. वहीं, मांस उत्पादन के क्षेत्र में वार्षिक वृद्धि दर के मुताबिक राज्य 10वें स्थान (4%) पर है और अंडा उत्पादन में देश में इसका योगदान 11वें स्थान (2.54%) पर है.
दूसरी ओर मछली उत्पादन में भी राज्य की सरकार अपने को आत्मनिर्भर बता रही है. उनका कहना है कि साल 2024–25 के दौरान बिहार में मछली उत्पादन 8.73 लाख टन से बढ़कर 9.59 लाख टन यानी 9.8% वृद्धि के साथ बढ़ा है, वहीं राजस्व में इसका योगदान 1,767.009 लाख रुपये के आसपास हो गया है. लेकिन एक आंकड़ा यह भी है कि आज भी राजधानी पटना के मछली मंडी में आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों की मछलियां बड़े पैमाने पर हर रोज आती हैं.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयालक्ष्मी ने कहा कि वर्ष 2013–14 में राज्य की मत्स्य उत्पादन में रैंकिंग नौवें स्थान पर थी, वहीं वर्ष 2023–24 में राज्य की राष्ट्रीय रैंकिंग चौथे स्थान पर थी.