भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने मॉनसून को लेकर एक ताजा जानकारी दी है. इसमें अल-नीनो को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. इस बार मॉनसून के दौरान ही अल-नीनो का असर दिखने की आशंका जाहिर की जा रही है. आईएमडी ने अपने पिछले पूर्वानुमान में कहा था कि जुलाई में अल-नीनो का असर देखा जा सकता है. इसके बाद अभी हाल में आईएमडी के डीजी मृत्युंजय महापात्र ने मॉनसून और अल-नीनो के बारे में पूरी जानकारी दी. महापात्र ने बताया कि इस साल अल-नीनो का असर नकारात्मक रहेगा क्योंकि इसके जुलाई में एक्टिव होने की संभावना है. जबकि जुलाई मॉनसून का दूसरा हिस्सा होता है जब तक बारिश शुरू हो गई रहती है.
आईएमडी के प्रमुख ने बताया कि इस साल अल-नीनो से विपरीत एक सिस्टम विकसित हो रहा है जो मॉनसून के लिए लाभदायक है. महापात्र के मुताबिक, इस नए सिस्टम का नाम इंडियन ओशन डाइपोल या IOD है. आईओडी से मॉनसून को फायदा होगा क्योंकि वह अल-नीनो के असर को कम करेगा. इसलिए मौजूदा साल में मॉनसून के सामान्य रहने की पूरी संभावना है.
1951 से अभी तक अल-नीनो का रिकॉर्ड देखें तो इसके 60 परसेंट हिस्से में कम बारिश हुई है जबकि 35-40 परसेंट हिस्से में सामान्य बारिश दर्ज की गई है. मृत्युंजय महापात्र कहते हैं, इसलिए अल-नीनो अकेला फैक्टर नहीं है जो मॉनसून को प्रभावित करता है. हालांकि अल-नीनो के और भी दूसरे असर देखे जा सकते हैं. अल-नीनो की वजह से जुलाई महीने में 1.5 डिग्री तक तापमान बढ़ सकता है. ऐसे में जुलाई और उसके बाद का महीना अधिक गर्म रह सकता है.
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कृषि पर अल-नीनो के असर की जहां तक बात है, तो आईएमडी इस बारे में वीकली अपडेट रिपोर्ट जारी करेगा. उस रिपोर्ट में पता चलेगा कि मॉनसून की क्या स्थिति रहेगी. देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए मॉनसून की अपडेट रिपोर्ट जारी की जाएगी जिसमें बारिश का अनुमान जारी किया जाएगा. चूंकि देश के हर इलाके में अल-नीनो का असर एक जैसा नहीं होगा. इसलिए हर इलाके में बारिश पर असर भी अलग-अलग हो सकता है. आईएमडी उसी हिसाब से वीकली अपडेट रिपोर्ट जारी करेगा. अल-नीनो की स्थिति में मछली पालन और समुद्री प्रोडक्ट का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है. साथ ही समुद्र का तापमान भी बढ़ेगा और ऐसी स्थिति में मछलियां गहरे पानी में चली जाती हैं.
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'इंडिया टुडे' के साथ एक खास बातचीत में मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मॉनसून के बारे में अप्रैल में अपडेट दिया गया था. उसके बाद ताजा अपडेट मई महीने के अंत में जारी किया जाएगा. चार दिन के घट-बढ़ का अनुमान देखें तो इस बार केरल में मॉनसून 31 मई से लेकर आठ जून के बीच प्रवेश कर सकता है. वैसे इसका अनुमान चार जुलाई बताया गया है जिसमें चार जून का मार्जिन देखा जा रहा है. डीजी महापात्र ने कहा कि इस बार मध्यम दर्जे का अल-नीनो रहेगा जिसके बारे में आगे विस्तार से जानकारी दी जाएगी.