बिहार में पिछले महीने 17 से 21 मार्च के बीच बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि एवं आंधी-तूफान की वजह से राज्य के 6 जिलों के 20 प्रखंड के 299 पंचायतों में रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ था. वहीं प्रभावित किसान अब फसल नुकसान मुआवाजे के लिए 10 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. सरकार अनुदान राशि उन्हीं किसानों को देगी, जिनका 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान हुआ है. सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर, गया, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, शिवहर एवं रोहतास जिला में कुल 54 हजार 22 हेक्टेयर से अधिक रकबा में बारिश व ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हुआ है.
पिछले महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा फसल सर्वेक्षण का आदेश देने के बाद कृषि विभाग एवं संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा प्रभावित जिलों में बर्बाद फसलों का सर्वे करवाया गया था. सीएम नीतीश कुमार द्वारा बारिश व ओलावृष्टि की वजह से हुए फसल नुकसान को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान 92 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई थी. जिसमें से मुजफ्फरपुर, गया, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, शिवहर एवं रोहतास जिला में क्षतिग्रस्त फसलों के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में मुआवजा राशि भेजा जाएगा.
ये भी पढ़ें: Success Story: पुश्तैनी खेती की चाहत के जुनून ने बना दिया दो इंजीनियर भाइयों को सफल किसान
17 मार्च से 21 मार्च के बीच ओलावृष्टि एवं बारिश से सबसे अधिक फसलों को नुकसान मुजफ्फरपुर, गया, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, शिवहर एवं रोहतास जिला में हुआ था. इन जिलों के प्रभावित रैयत एवं गैर रैयत किसान कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वहीं सरकार ने सिंचित और असिंचित फसल, बहुवर्षीय फसलों के लिए अलग-अलग राशि निर्धारित की है, जिसमें असिंचित क्षेत्र के लिए 8500 रुपए, सिंचित क्षेत्र के लिए 17000 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तय किया गया है. इसके साथ ही बहुवर्षीय फसलों व गन्ना के लिए प्रति हेक्टेयर 22 हजार 500 रुपए तय है. वहीं अधिकतम अनुदान की राशि दो हेक्टेयर रकबा तक ही दिया जाएगा. इस योजना के तहत सिंचित फसल क्षेत्र के लिए न्यूनतम राशि 2000, असिंचित के लिए 1000 और बहुवर्षीय फसल (गन्ना सहित) के लिए 2500 रुपए अनुदान राशि दिया जाएगा.
अनुदान राशि के लिए आवेदन करने से पहले किसानों को कई ऐसे कागजात बनावाने की जरूरत है, जिससे की आवेदन रद्द होने की गुंजाइश नहीं के बराबर रहे. सबसे पहले आवेदक किसान अपने परिवार का विवरण आधार कार्ड के साथ सत्यापन जरूर करवा लें. परिवार विवरण में किसान को अपनी पत्नी सहित बच्चों की पूरी जानकारी देनी होगी. रैयत किसान को जरूरी दस्तावेज में 2021-22 का एलपीसी या लगान की रसीद देनी होगी. वहीं गैर रैयत किसान परिवार के लिए स्वघोषित प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
ये भी पढ़ें: Success Story : घरेलू महिला रीना बनीं मशरूम मैडम, बेहतर कमाई के लिए बनाती हैं कई प्रोडक्ट
स्वघोषित प्रमाण पत्र का प्रारूप डीबीटी के पोर्टल पर मौजूद हो, जिसे वार्ड सदस्य एवं कृषि समन्वयक से प्रमाणित करवाना होगा. किसान कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट http://dbtagriculture.bihar.gov.in या http://state.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं. वहीं अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 18001801551 या संबंधित जिला कृषि पदाधिकारी या ब्लॉक कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.