आने वाले दिनों में भारी बारिश के अनुमान ने पंजाब के किसानों को दुविधा में डाल दिया है. कुछ किसानों ने शुक्रवार को ही अपनी धान की फसल काटने की जल्दी की, तो कुछ ने मौसम स्थिर रहने की उम्मीद में 15 अक्टूबर के बाद तक इंतजार करने का फैसला किया है. वहीं पिछले चार दिनों से पंजाब में पराली जलाने की कोई नई घटना नहीं आने के कारण, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है. अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं में कमी का कारण धान के अवशेषों के इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन में वृद्धि को मानते हैं.
मगर दूसरा पहलू ये है कि बारिश के अनुमान ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. अंग्रेजी अखबार 'द ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य कृषि अधिकारी जसविंदर सिंह ने कहा कि इस समय हो रही बारिश धान की फसल के लिए अनुकूल नहीं है और इससे कटाई में देरी हो सकती है. सिंह ने कहा कि चूंकि नवंबर का पहला पखवाड़ा गेहूं की फसल की बुवाई के लिए आदर्श माना जाता है, इसलिए धान की कटाई में देरी से किसानों को फसल काटने और बेचने तथा फिर खेत तैयार करने के लिए कम समय मिलेगा, जिससे अंततः खेतों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है.
पटियाला में क्षेत्रीय दौरे पर आए कृषि विभाग के एक विशेषज्ञ ने कहा कि बारिश से चावल में नमी बढ़ सकती है, जिससे कटाई में और देरी होगी. समय से पहले कटाई से धान के बीज में नमी बढ़ सकती है. खरीद एजेंसियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाले धान को स्वीकार नहीं करेंगी. इसलिए, इससे आखिरकार खरीद और उठाव कार्य में बाधा आएगी.
6-7 अक्टूबर के पूर्वानुमान में पंजाब और जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में रावी और व्यास नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिसको लेकर राज्य सरकार पहले ही सतर्क है. चंडीगढ़ स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने पंजाब के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले दो दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. 5 से 7 अक्टूबर के बीच, पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव के परिणामस्वरूप राज्य में 40-50 किमी प्रति घंटे की तेज़ हवाएं चलने, भारी बारिश और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है.
गौरतलब है कि 2 अक्टूबर तक खेतों में आग लगने की कुल 95 घटनाएं हो चुकी हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने 95 मामलों में 2.45 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया है और 1.90 लाख रुपये वसूले हैं. पुलिस ने कानूनी आदेशों की अवहेलना के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत 53 एफआईआर भी दर्ज की हैं, जिनमें से 23 अमृतसर में दर्ज की गई हैं. राजस्व विभाग ने उल्लंघनकर्ताओं के भूमि अभिलेखों में 35 "रेड एंट्री" दर्ज की हैं, जिनमें अमृतसर में 24 शामिल हैं. ये रेड एंट्री किसानों को लोन लेने, जमीन गिरवी रखने या बेचने और बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने से रोकती है.
ये भी पढे़ं-