झारखंड में मॉनसून की बेरुखी ने एक बार फिर से राज्य के कृषि और किसानों को संकट में डाल दिया है. मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक राज्य में फिलहाल या निकट भविष्य में बारिश की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है. मॉनसून का कोई सक्रिय पैटर्न राज्य में दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ कड़ी धूप निकल रही है इसके कारण तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है. तेज धूप और अधिक तापमान के कारण खेत की नमी तेजी से खत्म हो रही है इसके चलते खेतों में दरारे पड़ रही हैं और धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं. इससे किसानों में अधिक मायूसी है क्योंकि इस बार बड़ी मुश्किल से सिंचाई करके उन्होंने धान की खेती की है.
मौसम केंद्र की तरफ से जारी गए पिछले 24 घंटे के आंकड़ों में पूरे राज्य में कही भी एक बूंद बारिश नहीं हुई है. जबकि अधिकतम तापमान में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है. राज्य में कोई भी जिला ऐसा नहीं है जहां पर तापमान 32 डिग्री से कम है, पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक तापमान 37.9 डिग्री सेल्सियस गोड्डा में रिकॉर्ड किया गया. वहीं पाकुड़ में 37.1डिग्री सेल्सियस ता तापमान दर्ज किया गया. पलामू, सिमडेगा और गढ़वा, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम का भी यही हाल है.जबकि राजधानी रांची का तापमान 33 डिग्री रिकॉर्ड किया गया.
वहीं राज्य में बारिश के आंकड़ों की बात करें तो मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए पूर्वानुमान के मुताबिक दो सिंतबर को राज्य के उत्तर पूर्वी के अलावा मध्य झारखंड के जिलों में कहीं-कहीं पर गर्जन के साथ वज्रपात होने की संभावना है. वहीं तीन और चार सिंतबर को भी राज्य में गर्जन और वज्रपात की संभावना जताई गई है. रांची और आस-पास के क्षेत्रों की बात करें तो दो तीन और चार सिंतबर को सामान्यत बादल छाए रहेंगे. साथ ही कहीं कहीं पर एक दो बार हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. इसके अलावा पांच और छह सिंतबर को भी हल्के और मध्यम दर्जे की बारिश होने का अनुमान लगाया गया है.
वहीं राज्य में बारिश के आकड़ों को देखे तो इस अवधि तक राज्य में सामान्य तौर पर 798.8 एमएम बारिश दर्ज की जाती है पर इस बार इस अवधि तक 503.9 एमएम बारिश दर्ज की गई है. राज्य में बारिश का विचलन -37 एमएम है. सबसे अधिक बारिश साहेबगंज में हुआ है. यहां पर 925.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है. जबकि गोड्डा में 643.8 एमएम और सिमडेगा में 912.6 फीसदी बारिश दर्ज की गई है. सबसे खराब स्थिति चतरा जिले की है यहां पर बारिश का विचलन 63 फीसदी है. जबकि बाकि अन्य जिलों में बारिश का विचलन 20 फीसदी से 60 फीसदी तक है.