
नवंबर महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस बीच देश के लगभग सभी हिस्सों में लोगों को गुलाबी ठंड का ऐहसास होने लगा है. वहीं, पहाड़ी राज्य कश्मीर में बर्फबारी शुरू हो चुकी है, जिससे पर्यटकों का उत्साह चरम पर है. गुलमर्ग और सोनमर्ग में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. इस बर्फबारी के साथ उत्तर भारत में भी ठंड ने दस्तक दे दी है. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर नवंबर महीने में कैसा रहेगा मौसम और किसानों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए इन सभी सवालों के जबाव जानते हैं मौसम एक्सपर्ट देवेंद्र त्रिपाठी से.
मौसम एक्सपर्ट देवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर भारत में 15 नवंबर तक तापमान में गिरावट होगी. उत्तर की हवाएं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, और अन्य राज्यों में ठंडक लाएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि "ड्राई विंड्स प्रदूषण को कम करेंगी जिससे किसानों को फसल कटाई में मदद मिलेगी.
उत्तर भारत में ठंड की दस्तक हो चुकी है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 10 दिनों में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के कारण लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है. देवेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर की हवाएं तापमान को नीचे ले जाएंगी और प्रदूषण को कम करेंगी, जिससे प्रदूषण के साथ ही राजधानी दिल्ली और NCR के लोगों को ठंड का भी एहसास होने लगेगा. राजधानी दिल्ली के अलावा यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी ठंड अपना असर दिखाना शुरू करेगा.
मौसम एक्सपर्ट देवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि दक्षिण भारत में नॉर्थ ईस्ट मॉनसून सक्रिय हो चुका है, जिससे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है. त्रिपाठी ने बताया कि नवंबर और दिसंबर में तमिलनाडु में फ्लड की खबरें आम होती हैं. ऐसे में इस बार भी भारी बारिश की संभावना है.
पहाड़ों पर मौसम का मिजाज बदल गया है. मध्यवर्ती और ऊंचाई वाले इलाकों में बीते कुछ दिनों से ही सुबह शाम की ठंड देखी जा रही है. लेकिन दिन के समय चटक धूप का लोग खूब आनंद भी ले रहे हैं. राज्य के मध्यवर्ती और ऊंचाई वाले जिलों में ठंड ने दस्तक दे दी है. वहीं, कश्मीर में बर्फबारी शुरू होने के साथ ही पर्यटकों का उत्साह बढ़ गया है. गुलमर्ग और सोनमर्ग में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. यही हाल हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का भी है, जहां कई जिलों बर्फ के सफेद चादर बिछे हुए हैं.
कोल्ड वेव की संभावना पर देवेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अगर पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, तो उत्तर भारत में कोल्ड वेव चलेगी. ऐसे में उन्होंने किसानों को सलाह दी कि पाला पड़ने की स्थिति में फसलों की सिंचाई करें. साथ ही उन्होंने बताया कि अभी जो ओस पड़ रहे हैं उससे किसानों को काफी फायदा है. उन्होंने बताया कि इस ओस से अगेती किस्में जैसे गेहूं, चना, मटर, जौ, मक्का जैसी फसलों को जर्मिनेशन यानी अंकुरण में बहुत मदद मिलेगा.