झारखंड में सूखे की आशंका के बीच बोले सीएम हेमंत सोरेन, सरकार को है किसानों की चिंता

झारखंड में सूखे की आशंका के बीच बोले सीएम हेमंत सोरेन, सरकार को है किसानों की चिंता

राज्य में कृषि और किसानों की स्थिति पर हुई बैठक के मुख्यमंत्री ने कहा की झारखंड ने पिछले साल भी सूखे का सामना किया था, इस साल भी बारिश लुकाछिपी का खेल खेल रही है. इसके कारण किसानों को कृषि कार्य में परेशानी हो रही है.

झारखंड में सूखे की आशंका पर बोले बेमंत सोरेन                फोटोः ट्विटरझारखंड में सूखे की आशंका पर बोले बेमंत सोरेन फोटोः ट्विटर
पवन कुमार
  • Ranchi,
  • Jul 26, 2023,
  • Updated Jul 26, 2023, 7:38 PM IST

मॉनसून की बेरुखी के कारण झारखंड में किसान और सरकार दोनों के ही माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. खास कर किसान कई सारी अनिश्चितताओं को लेकर डरे हुए हैं. ऐसे में राज्य के किसानो को हिम्मत रखने की सालह देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार को किसानों की चिंता है, अनियमित बारिश पर प्रशासन किसी भी परिस्थितिसे निपटने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए योजना तैयार कर रही है. 

राज्य में कृषि और किसानों की स्थिति पर हुई बैठक के मुख्यमंत्री ने कहा की झारखंड ने पिछले साल भी सूखे का सामना किया था, इस साल भी बारिश लुकाछिपी का खेल खेल रही है. इसके कारण किसानों को कृषि कार्य में परेशानी हो रही है. पर किसानों की परेशानी दूर करने के लिए और उनकी बेहतरी के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है. गौरतलब है की झारखंड के अलग-अलग जिलों में बारिश की स्थिति बेहद खराब है, राज्य में 45 फीसदी कम बारिश की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण राज्य के लगभग 85 फीसदी कृषि योग्य भूमि मॉनसून में भी खाली रह जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल भी सूखे की स्थिति में किसानों को राज्य सरकार ने राहत देने के कार्य किया था, इस साल भी सरकार गंभीरतापूर्वक पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. 

केंद्र पर लगाया भेदभाव का आरोप

मुख्यमंत्री ने इस दौरान केंद्र सरकार पर भी पक्षपात का आरोप लगाते हुए जब उन्होंने केंद्र से सूखा राहत के लिए पैकेज की मांग की तब उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल राज्य के 226 प्रखंडों को सूखा घोषित किया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना के तहत राज्य के किसान परिवारों के खाते में 3500 रुपए की राशि दी गई थी. राज्य के 33 लाख किसानों और भूमिहीन कृषक मजदूरों ने इसके लिए आवेदन दिया था. अप्रैल 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार 10 लाख किसानों को यह राशि प्रदान की गई है. बाकि किसानों को अब भी इस राशि के मिलने का इंतजार है. झारखंड सरकार ने सूखा राहत पैकेज के तौर पर केंद्र से 9685 करोड़ रुपये की मांग की थी. 

स्थिति पर विभाग की नजर

वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में वर्तमान में मौसम के जो हालात बन रहे हैं उससे संकेत मिल रहे हैं कि राज्य सूखे की स्थिति की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में विभाग पूरी तरह इस पर नजर बनाए हुए हैं. 15 अगस्त के तक स्थिति का जायजा लेने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा. 

 

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