Success Story: इमली के पेड़ खरीदकर 3 महीने में ही लाखों कमा रहे इस गांव के किसान

Success Story: इमली के पेड़ खरीदकर 3 महीने में ही लाखों कमा रहे इस गांव के किसान

गर्मी शुरू होते ही जैसे ही खेत खाली होते हैं महाराष्ट्र के रहाटा तालुका के छोटे से गांव वॉकी के लोग इमली के पेड़ खरीदने में जुट जाते हैं. एक पेड़ की कीमत 2,000 से 8,000 तक होती है. पेड़ झाड़े जाते हैं. पूरा परिवार मिलकर इमली को छीलते, तोड़ते और गूदा अलग करते हैं.

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क‍िसान तक
  • नई दिल्ली ,
  • May 16, 2025,
  • Updated May 16, 2025, 5:35 PM IST

    जब देशभर के किसान रबी की फसल काटकर थोड़ा सुस्ताने लगते हैं, उस वक्त महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के वाकी गांव में गहमागहमी शुरू हो जाती है. यहां के किसान पारंपरिक खेती से हटकर इमली का कारोबार शुरू कर देते हैं, जो अब गांव की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है.

    इमली के पेड़ खरीदने निकलते हैं किसान
    स्थानीय बोली में जिसे 'अंबट चिंच' कहा जाता है, वही खट्टी-मीठी इमली वाकी के किसानों की कमाई का खास जरिया बन गई है. खेती का काम रुकते ही किसान व्यापारी बन जाते हैं. ये किसान पास के गांवों में जाकर इमली के पेड़ खरीदते हैं, जिनकी कीमत पेड़ की उपज के अनुसार 2,000 से 8,000 रुपये तक हो सकती है.

    हर घर बना मिनी प्रोसेसिंग यूनिट
    पेड़ से इमली झाड़ने से लेकर उसके बीज अलग करने, छिलके निकालने और इमली को साफ-सुथरा करके मंडी के लिए तैयार करने तक का काम पूरे परिवार द्वारा मिल-जुलकर किया जाता है. यहां तक कि इमली के छिलके भी बेकार नहीं जाते. बाजार में 1,500 से 1,600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकते हैं. वहीं खुद इमली की कीमत 7,000 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच जाती है. तैयार इमली को व्यापारी मुंबई, वाशी, शिरमपुर और अहिल्यानगर की मंडियों में भेजते हैं.

    तीन महीनों में लाखों की कमाई
    इस सीजनल कारोबार से वाकी के लगभग 60 से 70 परिवार जुड़े हुए हैं. बड़े व्यापारियों की कमाई 2 लाख से 5 लाख तक हो जाती है, जबकि छोटे व्यापारी भी 50,000 से 1 लाख रुपये तक कमा लेते हैं और यह सब महज 2 से 3 महीनों के भीतर. मानसून के आगमन के साथ ही ये किसान फिर से पारंपरिक खेती में जुट जाते हैं.

    देश में इमली की खेती का हाल
    भारत में इमली उत्पादन में तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश अग्रणी राज्य हैं. कर्नाटक ने वर्ष 2024 में 35,000 टन से अधिक इमली का उत्पादन किया. वहीं, महाराष्ट्र में वर्ष 2025 में 1.587 हजार हेक्टेयर में इमली की खेती की गई.

     

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