रेलवे से रिटायर हुए अशोक कुमार ने अपनाया अनोखा तरीका, घर के अंदर कर रहे केसर की खेती

रेलवे से रिटायर हुए अशोक कुमार ने अपनाया अनोखा तरीका, घर के अंदर कर रहे केसर की खेती

अशोक कुमार की सफलता देखकर अब उनके गांव के कई लोग भी केसर की खेती के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ युवा उनसे प्रेरित होकर इसे अपनाने की योजना बना रहे हैं और अशोक भी उन्हें इसके बारे में सही मार्गदर्शन दे रहे हैं.

केसर की खेतीकेसर की खेती
पवन राठी
  • सोनीपत,
  • Feb 25, 2025,
  • Updated Feb 25, 2025, 1:41 PM IST

सोनीपत जिले के कालूपुर गांव के रहने वाले अशोक कुमार कभी रेलवे में नौकरी किया करते थे. लेकिन जब 2022 में वे रिटायर हुए, तो उनके सामने बड़ा सवाल था- अब आगे क्या करें? कुछ महीने आराम करने के बाद, उन्होंने इंटरनेट पर नए अवसरों की तलाश शुरू की. इसी दौरान उन्हें केसर की खेती के बारे में जानकारी मिली और यह जानकर हैरान रह गए कि इसे घर के अंदर भी उगाया जा सकता है.

अशोक ने इंटरनेट के माध्यम से इस खेती के गुर सीखे और ऑनलाइन वीडियो व लेखों की मदद से तकनीक को समझा. इसके बाद उन्होंने बीज खरीदने का फैसला किया और अपने घर में ही इसकी शुरुआत की.

घर के अंदर केसर की खेती कैसे शुरू की?
अशोक कुमार बताते हैं कि केसर की खेती में निवेश शुरू में ज्यादा होता है, लेकिन यह मुनाफा देने वाली खेती है. उन्होंने 5 लाख रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से केसर के बीज खरीदे और घर के एक कमरे में इसकी खेती शुरू कर दी. अशोक कहते हैं, "शुरुआत में करीब 8 से 9 लाख रुपये का खर्च आया, जिसमें बीज और तापमान नियंत्रण की व्यवस्था शामिल थी. लेकिन अब यह खेती मुनाफा देने लगी है."

दो साल में मिली बड़ी सफलता
अब दो साल हो चुके हैं, और अशोक कुमार अपने क्षेत्र में एक मिसाल बन चुके हैं. उनके अनुसार, एक क्विंटल बीज से एक किलो केसर मिलता है, जिसकी बाजार में कीमत करीब 5.5 लाख रुपये होती है. वे बताते हैं, "सबसे अच्छी बात यह है कि बीज बार-बार खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती. अगर तापमान सही बना रहे, तो बीज खुद विकसित होता रहता है, और फसल चार महीने में तैयार हो जाती है."

बेरोजगार युवाओं के लिए बना उदाहरण
अशोक कुमार मानते हैं कि खेती में भी अपार संभावनाएं हैं, बस जरूरत है सही जानकारी और मेहनत की. वे कहते हैं, "आज के युवा नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं, जबकि खेती भी एक बढ़िया विकल्प हो सकता है. अगर कोई सीखने की लगन रखता है, तो वह इस खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकता है."

कम जगह में ज्यादा फायदा
केसर की खेती के लिए बड़े खेतों की जरूरत नहीं होती. अशोक ने यह खेती अपने घर के कमरे में ही शुरू की और धीरे-धीरे इसका विस्तार किया. उनका मानना है कि सही तकनीक और वातावरण नियंत्रण के साथ, इस खेती से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है.

अशोक कुमार की सफलता देखकर अब उनके गांव के कई लोग भी केसर की खेती के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ युवा उनसे प्रेरित होकर इसे अपनाने की योजना बना रहे हैं और अशोक भी उन्हें इसके बारे में सही मार्गदर्शन दे रहे हैं.

 

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