पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को डिप्टी कमिश्नरों को अपने-अपने जिलों की मंडियों में धान की बिना रोक टोक खरीद करने और फसल की तुरंत लिफ्टिंग करने के आदेश दिए. पंजाब भवन में धान की खरीद और लिफ्टिंग की प्रगति का जायज़ा लेने के लिए मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इस ड्यूटी को निभाने में किसी भी तरह की ढिलाई सहन नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों की उपज को जल्दी से जल्दी खरीदा जाए और उनकी सुविधा के लिए इसकी लिफ्टिंग तुरंत की जाए. भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार धान की बिना रोक टोक खरीद के लिए वचनबद्ध है और सरकार के इस फ़ैसले को सही ढंग से लागू करना अधिकारियों का फर्ज बनता है.
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिशनरों को ज़मीनी स्तर पर समूचे कामों का जायजा लेने के लिए हर दिन 07-08 मंडियों का दौरा करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने जिलों की अनाज मंडियों का निरंतर दौरा करें और निगरानी के लिए रोज़मर्रा की रिपोर्ट भी पेश की जाए. सीएम भगवंत मान ने डिप्टी कमिशनरों को खरीद कामों पर ध्यान से नज़र रखने के लिए भी कहा, जिससे मंडियों में फसल की ढेर न लगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार लिफ्टिंग पहले दिन से ही शुरू हुई है, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. उन्होंने कहा कि समूची प्रक्रिया के डिजिटाईज़ेशन के साथ खरीद, लिफ्टिंग एक ही दिन की जाएगी. भगवंत मान ने डिप्टी कमिशनरों को कहा कि किसानों को समय पर अदायगी करने के निर्धारित नियमों की सख़्ती के साथ पालन किया जाए. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा 1854 खरीद केंद्र नोटिफाई करके सरकारी खरीद एजेंसियों को अलॉट किए गए हैं.
ये भी पढ़ें:- Photo Quiz: दिल के आकार का होता है यह फल, इम्यूनिटी बढ़ाने में करता है मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में अनाज लाने वाले किसानों के हितों की रक्षा के लिए बायोमीट्रिक प्रमाणिकता की तकनीक शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि अनाज की लिफ्टिंग में पारदर्शिता लाने के लिए वाहनों को ऑनलाइन गेट पास जारी किए जाएंगे. सीएम ने डिप्टी कमिश्नरों को कहा कि समूचे खरीद कामों के दौरान किसानों को किसी किस्म की परेशानी नहीं आनी चाहिए.
मीटिंग के दौरान एक अन्य एजेंडे पर विचार रखते हुए मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को हिदायत दी कि पराली के आग के खतरों के बारे किसानों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकना चाहिए, क्योंकि इससे वातावरण पर गंभीर खतरा पैदा होता है. भगवंत मान ने कहा कि पराली के निपटारे के लिए बीते साल के मुकाबले 23000 अधिक खेती मशीनें दीं गई हैं और अब डिप्टी कमिशनरों को अगले कुछ दिनों में पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए सख़्त निगरानी रखनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ों से प्रभावित लोगों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है. भगवंत मान ने कहा कि लोगों को उनके नुकसान के एक-एक पैसे का मुआवज़ा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाढ़ों से हुए नुकसान का मुआवज़ा देने के लिए राज्य के आपदा राहत फंड में उपयुक्त फंड है.