मौजूदा वक्त में बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो आधुनिक तरीके से खेती कर अन्य किसानों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. उन्हीं किसानों में से एक हैं प्रगतिशील किसान कुलदीप बूरा. दरअसल, हिसार जिले में घिराए गांव के प्रगतिशील किसान कुलदीप बूरा कमाई के मामले में अन्य किसानों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. किसान कुलदीप बूरा सुबह-शाम खेतों में मेहनत, पूरी लगन और निष्ठा के साथ करते हैं. इसी वजह से वो फलों और सब्जियों की पैदावार करके 25 से 30 लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं और खुशहाल जीवन जी रहे हैं. उन्होंने सबसे पहले एक किल्ले में फलों और सब्जियों की खेती शुरू की थी और अब 16 किल्लो में खेती कर रहे हैं. वहीं कुलदीप बूरा के खेतों में 22 महिलाएं लेबर के तौर पर हमेशा काम करती हैं. कुलदीप बूरा से खीरा, तरबूज और खरबूजा की जानकारी लेकर 150 से अधिक किसान अपनी पारंपरिक खेती के साथ फलों और सब्जियों की खेती करते हैं.
सफल किसान कुलदीप अपना उत्पादित किया हुआ उत्पाद हरियाणा में हिसार जिले के आसपास की मंडियों में बेच देते हैं. वहीं किसान की बेटी मंजू, मुनीम का काम करती है और सारा हिसाब-किताब देखती है. जबकि बेटा मुनीश पढ़ाई के साथ खेत में कुलदीप का हाथ बढ़ाता है.
हिसार जिले के गांव घिराए के किसान कुलदीप बूरा ने बताया कि पहले वह घिराए गांव में घरों में बिजली फिटिंग और रिपेरिंग का काम करते थे, लेकिन लोग उधार में काम करा लेते थे और रुपये जल्दी नहीं देते थे. जिसकी वजह के घर का खर्च नही चला पा रहा था और वो परेशान रहते थे. वही उनके परिजनों ने दोनों भाईयों को अलग-अलग कर दिया था. बाद में मैंने 2012 में खेती करने का निर्णय लिया. सबसे पहले एक किले में मैंने खीरा, तरबूज, खरबूजे की खेती शुरु की. इस काम से फायदा मिलना शुरु हो गया. वही काफी मेहतन की वजह से लगातार मुनाफा होता रहा है.
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प्रगतिशील किसान ने बताया कि आज वो अपने मेहनत के दम पर 16 एकड में खीरा, तरबूज, खरबूजे की खेती कर रहे हैं. उन्होंने अपने खेतों में 22 महिलाओं को रोजगार दिया हुआ है. किसान ने बताया कि पारंपरिक खेती के साथ फलों की खेती से काफी लाभ होने लगा. इसी दौरान उन्होंने 2014 में नेट हाउस में खेती करना शुरु कर दिया. नेट हाउस लगाने के लिए उन्हें हरियाणा सरकार से सब्सिडी मिली थी. नेट हाउस में खीरा की खेती करने से खीरे की पैदावार से काफी अच्छा लाभ मिला है.
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किसान कुलदीप ने खेत में सोलर बिजली प्लांट भी लगाया है जिससे उनको सोलर सिस्टम से पर्याप्त बिजली मिल जाती है. कुलदीप ने बताया कि पैदावार किया हुआ खीरा, तरबूज और खरबूजा हिसार समेत हरियाणा की अन्य मंडियों में सप्लाई कर देते हैं. कुलदीप बूरा ने बताया कि खेती के दौरान मौमस की मार भी झेलनी पड़ती है. पौधे में कीड़ा लग जाए उससे भी खेती में नुकसान होता है, फिर भी खेती के काम में सुबह शाम लगे रहते हैं.