बैंक की नौकरी छोड़ बिहार लौटे आनंद प्रकाश, वैशाली में तैयार कर दिया फलदार सेब का बाग

बैंक की नौकरी छोड़ बिहार लौटे आनंद प्रकाश, वैशाली में तैयार कर दिया फलदार सेब का बाग

बैंक की नौकरी छोड़ वैशाली जिले का युवा किसान ने सेब की खेती शुरू की है. इस साल उनके बाग में पेड़ों ने फल देना शुरू कर दिया है. किसान आनंद प्रकाश ने कहा कि खेती के बिना जीवन का कोई वजूद नहीं है. आने वाले दिनों में खेती ही सबकी तकदीर बदलेगी.

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अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • May 06, 2025,
  • Updated May 06, 2025, 6:02 PM IST

बिहार का वैशाली जिला खेती में नए प्रयोगों के लिए काफी मशहूर है. वहीं, अब इस जिले में सेब की खेती भी हो रही है. इस सेब की खेती करने वाले वे युवा हैं, जो कभी देश की राजधानी दिल्ली में एक प्राइवेट बैंक में एक बड़े ओहदे पर कार्यरत थे. लेकिन, कोरोनाकाल के बाद घर वापसी के साथ ही उन्होंने खेती में ही अपना सुनहरा भविष्य देखा. जिले के राजापाकड़ ब्लॉक के बैकुंठपुर गांव निवासी आनंद प्रकाश पिछले पांच साल के दौरान अपनी पुश्तैनी जमीन पर सेब सहित अन्य फलों और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. वे कहते हैं कि खेती से अच्छी कमाई हो सकती है, बशर्ते इसे दिल से किया जाए.

पारिवारिक ज़रूरतों ने बनाया किसान

आनंद प्रकाश दिल्ली से घर वापसी को लेकर कहते हैं कि बचपन से ही उनका खेती के प्रति लगाव रहा है. भले ही बेहतर भविष्य की तलाश में उन्होंने देश–विदेश की यात्रा की, लेकिन समय के साथ माता-पिता की तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें सब कुछ छोड़कर गांव लौटना पड़ा. यहां कृषि विभाग के अफसरों ने उनहें सेब की खेती करने की सलाह दी. पांच साल पहले उन्होंने करीब 100 सेब के पेड़ साढ़े तीन एकड़ क्षेत्र में लगाए थे, जिनमें इस साल से करीब 60 पेड़ों में फल आना शुरू हाे गए हैं. 

कई फसलों की खेती कर रहे हैं आनंद

‘किसान तक’ से बातचीत के दौरान आनंद प्रकाश ने बताया कि उन्‍होंने साढ़े तीन एकड़ में 100 सेब के पेड़ लगाए हुए हैं. इसके साथ ही आम, लीची, अमरूद, अंजीर और सब्जियों की भी खेती कर रहे हैं. वह कहते हैं कि अभी सब्जी, आम और लीची से सालाना साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई हो जाती है. वहीं, इस साल के बाद उनका अनुमान है कि एक सेब के पेड़ से करीब चार से पांच हजार रुपये की कमाई आसानी से होगी. इसके साथ ही आने वाले बीस से पच्चीस वर्षों के दौरान इसी जमीन से करोड़ों की कमाई हो सकती है. इसके लिए उन्होंने 200 महोगनी के पेड़ लगाए हैं, जिनमें से कई पेड़ों की कीमत अभी लगभग डेढ़ लाख रुपये है.

'रिसर्च करके शुरू करें खेती'

आनंद प्रकाश कहते हैं कि बिहार जैसे राज्य में सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग एक-दूसरे को देखकर खेती करने लगते हैं. लेकिन, खेती में आपको अपने क्षेत्र, राज्य और जिले की जलवायु और बाजार को देखकर फसलें चुननी चाहिए. वे बताते हैं कि वे ‘हरमन 99’ किस्म के सेब की खेती कर रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका फल जून और जुलाई में तैयार होता है, जबकि उस समय हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के सेब बाजार में नहीं होते.

उस समय ‘हरमन 99’ सेब को अच्छे दाम पर बेचा जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने करीब 200 महोगनी के पेड़ लगाए हैं, जो आने वाले 25 वर्षों में बिना किसी खर्च के लगभग 30 करोड़ रुपये तक की कमाई करा सकते हैं. इसलिए किसानों को आने वाले समय में लाभ देने वाली फसलों के बारे में सोच-समझकर और रिसर्च करके खेती करनी चाहिए.

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