Poplar Farmer Success Story: गेहूं-चावल छोड़कर पॉपलर की खेती से खड़ा किया 50 लाख रुपये सालाना का बिजनेस मॉडल

Poplar Farmer Success Story: गेहूं-चावल छोड़कर पॉपलर की खेती से खड़ा किया 50 लाख रुपये सालाना का बिजनेस मॉडल

शुरुआत में गुरजीत सिर्फ 3 एकड़ में पॉपलर की खेती करते थे, लेकिन 2018 के बाद उन्होंने इसे बढ़ाकर 16 एकड़ कर दिया.

पॉपुलर के पेड़ की खेतीपॉपुलर के पेड़ की खेती
क‍िसान तक
  • नई दिल्ली ,
  • Aug 25, 2025,
  • Updated Aug 25, 2025, 2:24 PM IST

पंजाब के लुधियाना में मच्छीवाड़ा के रहने वाले 32 वर्षीय किसान गुरजीत सिंह मित्तेवालिया की कहानी मेहनत, नवाचार और साहस का उदाहरण है. पहले उनका परिवार लगभग तीन दशकों से गेहूं-धान की पारंपरिक खेती कर रहा था, लेकिन मेहनत के बावजूद कोई आर्थिक प्रगति नहीं हो रही थी. तब उन्होंने खेती में बदलाव लाने का फैसला किया और उनके इस फैसले ने उनकी जिंदगी बदल दी. 

गुरजीत ने लिया खेती में रिस्क 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरजीत ने अपने पिता बलदेव सिंह के छोटे स्तर पर किए जा रहे पॉपलर पेड़ों के प्रयोग को बड़े स्तर पर अपनाने का फैसला लिया. उन्होंने अपनी खेती का रुख पॉपलर की व्यावसायिक खेती की ओर मोड़ा, जो आज उनकी किस्मत बदलने वाली फसल साबित हो रही है.

वर्तमान में, गुरजीत सिर्फ 16 एकड़ में से 4 एकड़ जमीन से ही हर साल लगभग 50 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. सात सालों में इस फैसने ने न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारा, बल्कि उन्हें खेती में आधुनिकता लाने का अवसर भी दिया. 

खेती से बिज़नेस तक

आज गुरजीत पॉपलर की नर्सरी, पेड़ों की खेती, और खेती के औज़ारों के डिस्ट्रिब्यूशन का बिजनेस अच्छे से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने पिछले दो सालों में और पांच एकड़ ज़मीन खरीदी है. साथ ही, अपने 35 साल पुराने पारिवारिक खेती व्यवसाय को आधुनिक और व्यावसायिक स्तर तक पहुंचाया.

पॉपलर की खेती का चेन सिस्टम

शुरुआत में गुरजीत सिर्फ 3 एकड़ में पॉपलर की खेती करते थे, लेकिन 2018 के बाद उन्होंने इसे बढ़ाकर 16 एकड़ कर दिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एक चेन सिस्टम अपनाया:

  • हर साल 4 एकड़ में नए पेड़ लगाए जाते हैं.
  • हर चार साल में 4 एकड़ के पेड़ काटकर बेचे जाते हैं.
  • उसी साल उसी खेत में फिर नए पौधे लगा दिए जाते हैं.
  • इससे हर साल नियमित आय बनी रहती है.

पॉपलर की खेती के फायदे

  • खाद या कीटनाशक की ज़रूरत बहुत ही कम होती है.
  • सर्दियों में महीने में सिर्फ 1 बार, गर्मियों में 3 बार सिंचाई की जरूरत होती है. 
  • एक एकड़ में लगभग 340 पेड़ लगाए जा सकते हैं. 
  • 1 पेड़ से औसतन 3.5 क्विंटल लकड़ी मिलती है. 
  • एक पेड़ की 4 साल बाद कीमत 3,500 रुपये तक होती है. यानी 1 एकड़ से 4 साल में लगभग 12 लाख रुपये की कमाई. 

आय की तुलना करें तो गुरजीत ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि गेहूं-धान की खेती से 16 एकड़ से सालाना 12–13 लाख रुपए की कमाई हो पाती है. जबकि पॉपलर की खेती सिर्फ 4 एकड़ से ही सालाना 50 लाख रुपये की आय देती है. 

पॉपलर नर्सरी से भी कमाई

गुरजीत ने 9 एकड़ में नर्सरी तैयार की है. पांच एकड़ लीज पर और चार एकड़ अपनी ज़मीन पर. वह हर साल 1.5 लाख पौधे तैयार करते हैं. एक पौधे की कीमत 25 से 40 रुपये तक होती है. यहां से भी काफी मुनाफा होता है. 

  • पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद
  • धान की खेती से भूजल की कमी और मिट्टी की खराबी होती है.
  • पॉपलर खेती पानी की बचत करती है.
  • पराली जलाने की समस्या नहीं.
  • खरीदार सीधे खेत पर आकर पेड़ खरीदते हैं, मंडी पर निर्भरता नहीं. 

पॉपलर के पेड़ पूरी तरह तैयार होने में चार साल लगते हैं. इस दौरान गुरजीत मक्का, चारा और गेहूं की इंटरक्रॉपिंग करते हैं, जिससे मज़दूरों की सैलरी और शुरुआती खर्च निकल जाता है. 

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