उत्तर प्रदेश सरकार किसान पंजीकरण (फार्मर रजिस्ट्री) में तेजी ला रही है और सभी 75 जिलों में 50 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन का काम पूरा हो चुका है. 1 अप्रैल, 2026 से, केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार, केवल रजिस्टर्ड किसान ही पीएम किसान सम्मान निधि की किश्तों के पात्र होंगे. इस समय सीमा को पूरा करने के लिए, योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को पीएम किसान पोर्टल पर किसानों का विवरण अपडेट करने का निर्देश दिया है.
16 अक्टूबर से 30 नवंबर तक विशेष पंजीकरण कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें हर गांव में कम से कम एक कैंप अनिवार्य होगा ताकि मौके पर ही रजिस्ट्रेशन और अपडेट का काम किया जा सके.
हालांकि राज्य में कुल पंजीकरण का 50% से ज्यादा हो चुका है, कुछ जिलों ने व्यक्तिगत रूप से भी बेहतर काम पूरा किया है.
इन जिलों में रामपुर 61.37%, बिजनौर 58.92%, हरदोई - 58.31%, श्रावस्ती - 58.01%, पीलीभीत - 57.58%, अंबेडकरनगर - 57.46%, मुरादाबाद - 57.17%, बरेली - 56.80%, गाजियाबाद - 56.79%, कौशांबी - 56.09% शामिल हैं. योगी सरकार ने किसानों से रजिस्ट्रेशन का काम पूरा करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अगली पीएम किसान सम्मान निधि किस्त से वंचित न रह जाएं.
फार्मर रजिस्ट्री का फायदा केवल पीएम किसान सम्मान निधि योजना में ही नहीं बल्कि कई स्कीमों में मिलेगा. एक बार फार्मर रजिस्ट्री होने के बाद हर बार किसान से जानकारी लेने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा.
इसके तहत किसान को एक खास कोड दिया जाएगा जिससे सरकारी दस्तावेजों या योजनाओं में उसकी पहचान होगी. इसी कोड के आधार पर किसान को फसल बीमा योजना, कृषि यंत्र पर सब्सिडी और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजना का लाभ मिलेगा.
कोई किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले या नहीं, अगर वह सरकारी योजना से जुड़ना चाहता है तो उसे फार्मर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होगा. इस रजिस्ट्री से सरकार के पास एक डेटाबेस तैयार होगा जिसकी मदद से योजनाओं का लाभ देना आसान हो जाएगा.
इसके साथ ही फर्जीवाडे़ पर भी लगाम लगेगी क्योंकि गलत जानकारी देकर कोई सरकारी स्कीम का लाभ नहीं उठा पाएगा. फार्मर रजिस्ट्री में किसान के सभी खेत ऑनलाइन हो जाएंगे जिससे उसके रकबे और फसल आदि की जानकारी सरकार को आसानी से मिल जाएगी.
फार्मर रजिस्ट्री में किसान का आधार नंबर जोड़ा जाएगा. एक बार आधार नंबर जुड़ते ही हर तरह की जानकारी को वेरिफाई करना आसान हो जाएगा. इसके अलावा, उस किसान की जानकारी को बार-बार देने की जरूरत नहीं होगी.
अगर किसी योजना का लाभ किसान लेना चाहता है तो उसे केवल फार्मर रजिस्ट्री का यूनीक नंबर दर्ज करना होगा. उस नंबर के साथ ही उसकी पूरी जानकारी एकमुश्त मिल जाएगी.