यूपी में खेतों में पराली जलाना अपराध की श्रेणी में आएगा. इसके लिए किसानों को भारी जुर्माना देना होगा. नए नियम के मुताबिक फसल अवशेष या पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की वसूली किसानों से ही की जाएगी. इसके लिए किसानों से ढाई हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जा सकता है.
राजस्व विभाग के तय मानकों के अनुसार दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए पांच हजार रुपये और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15 हजार रुपये तक का पर्यावरण कंपनसेशन पराली जलाने वालों से वसूला जाएगा. मुख्य सचिव यूपी दुर्गा शंकर मिश्रा ने निर्देश जारी कर सभी डीएम को नियम के अनुपालन के लिए कहा है.
प्रदूषण रोकने के लिए यूपी सरकार ने यह कदम उठाया है. हाल के दिनों में प्रदूषण की गंभीर होती समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है. पराली के धुएं से पर्यावरण को भारी नुकसान होता है. सांस लेने की समस्या के साथ ही और भी कई सेहत की परेशानी सामने आती है. इससे आग लगने का भी खतरा होता है. इन सभी बातों पर ध्यान देते हुए सरकार ने पराली जलाने को अपराध की श्रेणी में रखा है.
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पराली जलाने को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इसे लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि पराली को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है. किसान पराली जलाने के लिए मजबूर न हों, इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकारी एजेंसियां किसानों से सीधा पराली खरीदती हैं और उस पराली से बायोगैस बनाया जा रहा है. इस तरह के बायोगैस कई राज्यों में चल रहे हैं. इससे पराली की समस्या खत्म हो रही है और किसानों को भी लाभ हो रहा है.
पराली जलाने की घटनाओं की जहां तक बात है तो हरियाणा और पंजाब में इसकी समस्या अधिक देखी जाती है. इसका असर दिल्ली तक दिखता है जिससे दिल्ली में कई दिनों तक धुंध की स्थिति बनी रहती है. लोगों को सांस संबंधी दिक्कतें आने लगती हैं. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो चुका है. पराली जलाने के खिलाफ कई तरह के नियम बनाए गए हैं, लेकन किसान इसका पालन ठीक से नहीं करते. इसे देखते हुए सरकारें सख्ती अपना रही हैं. इसी में यूपी सरकार ने पराली जलाने और पकड़े जाने पर आर्थिक जुर्माने का ऐलान किया है.