योगी सरकार ने यूपी की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर का आकार देने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए सरकार को भारी मात्रा में पूंजी निवेश की दरकार है. इस जरूरत की पूर्ति के लिए लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक जीआईएस 23 का आयोजन किया गया. जीआईएस 23 में सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों ने जमकर निवेश के प्रस्ताव दिए. योगी सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 33 लाख 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर समझौता (एमओयू) किया गया है. इनमें सर्वाधिक निवेश अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को मिला है.
निवेश संबंधी राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कुल 4,47,310 करोड़ रुपये का निवेश किए जाने के 144 प्रस्ताव मिले हैं. यह कुल निवेश का 15.47 प्रतिशत है. इसी प्रकार कृषि से जुड़े क्षेत्रों में सबसे ज्यादा निवेश के प्रस्ताव वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक क्षेत्र से मिले हैं. इस क्षेत्र में कुल 1,59,676 करोड़ रुपये का निवेश करने के 249 प्रस्तावों पर एमओयू हुआ है. यह कुल निवेश का 5.59 प्रतिशत है.
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इसी प्रकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 37,359 करोड़ रुपये के 970 प्रस्ताव और डेयरी क्षेत्र में 30,593 करोड़ रुपये के 1028 प्रस्तावों पर एमओयू हुआ है. फूड एंड सिविल सप्लाई क्षेत्र में 29,852 करोड़ रुपये के निवेश संबंधी 73 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस प्रकार अक्षय ऊर्जा और कृषि से जुड़ क्षेत्रों में कुल निवेश के 24.64 प्रतिशत प्रस्तावों पर एमओयू हुआ है.
सरकार का दावा है कि जीआईएस 23 में मिले निवेश में सर्वाधिक हिस्सेदारी अक्षय ऊर्जा एवं कृषि से जुड़े क्षेत्रों की होने के कारण इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. निवेशक कंपनियों के साथ हुए एमओयू के आधार पर सरकार की ओर से बताया गया कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में होने वाले निवेश से 1,11,374 रोजगार सृजन होने की संभावना है.
वहीं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भले ही 37,359 करोड़ रुपये के निवेश के 970 प्रस्ताव मिले हों, लेकिन इस क्षेत्र में रोजगार के 2,05,851 अवसर पैदा होने का दावा किया गया है, जबकि लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग क्षेत्र में कुल 1,59,676 करोड़ रुपये के संभावित निवेश से रोजगार के 1,95,294 अवसर पैदा होंगे.
दूसरी ओर, डेयरी सेक्टर में होने वाले निवेश से रोजगार के 71,384 अवसर एवं फूड एंड सिविल सप्लाई क्षेत्र से रोजगार के 4275 अवसर पैदा हो सकेंगे. गौरतलब है कि 33.50 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश से रोजगार के 93,82,607 अवसर सृजित होने का दावा किया गया है. इसमें अक्षय ऊर्जा एवं कृषि से जुड़े क्षेत्रों की भागीदारी 5.92 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने की है.
अक्षय ऊर्जा और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में निवेश के लिए निजी क्षेत्र की भारतीय एवं विदेशी कंपनियों के अलावा सरकारी कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है. अक्षय ऊर्जा के मामले में भारतीय कंपनी एबीसी क्लीनटेक ने 50 हजार करोड़ रुपये और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी ने 42,280 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव का करार किया है.
एबीसी क्लीनटेक मिर्जापुर में और एनटीपीसी सोनभद्र, प्रयागराज और झांसी में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करेगी. इसके अलावा जर्मनी की कंपनी यूनीकॉर्न एनर्जी ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लखनऊ और जौनपुर में 41,500 करोड़ रुपये का निवेश करने का करार किया है. भारतीय कंपनियाें जीएमआर ग्रुप, हिंदुजा ग्रुप और आरजी स्ट्रेटजीस ने भी अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने के करार किए हैं.
इसके अलावा जीआईएस में सबसे बड़ी निवेशक कंपनी के रूप में सामने आई हंगकांग की कंपनी ताउशेन ग्रुप ने भी कृषि और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में निवेश के प्रस्ताव दिए हैं. इस कंपनी ने कुल 1,89,849 करोड़ रुपये के निवेश का करार यूपी सरकार के साथ किया है.
जीआईएस 23 में कृषि क्षेत्र में उर्वरक, कीटनाशक दवाओं के संयंत्र लगाने के अलावा एग्रीकल्चर मार्केटिंग तथा सौर ऊर्जा पंप बनाने वाली कंपनियों ने लगभग 4500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर करार किया है. इसके लिए उर्वरक बनाने वाली 10 कंपनियों ने 2200 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू किए हैं.
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कृषि रक्षा रसायन उत्पादोंं में शामिल कीटनाशक दवाएं आदि बनाने वाली कंपनियों ने 1500 करोड़ रुपये तथा कृषि उत्पादों को माकूल बाजार की सुविधा देने वाली एग्रीकल्चर मार्केटिंग कंपनियों ने 714 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के करार किए हैं. इनसे 41,473 रोजगार के अवसर पैदा होने का दावा किया गया है. इसके अलावा 23 एफपीओ ने उन्नत बीज बनाने के लिए पांच करोड़ रुपये तथा नोएडा की कंपनी प्रकाश गोल्ड ने सोलर पंप एवं अन्य कृषि उपकरण बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये का निवेश करने का एमओयू किया है.
यूपी में निवेश की जगह की अगर बात की जाए तो पश्चिमी जोन निवेशकों की पहली पसंद बन कर उभरा है. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि कुल प्रस्तावित निवेश का लगभग आधा यानी 45 प्रतिशत निवेश पश्चिमी यूपी में होगा. इसकी मात्रा 14,81,108 करोड़ रुपये बताई गई है. इसके बाद 29 प्रतिशत यानी 9 लाख 54 हजार 492 करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में किए जाएगा. जबकि मध्यांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र के हिस्से में निवेश की 13-13 प्रतिशत हिस्सेदारी आई है.
इसी प्रकार निवेश के मामले में एक बार फिर दिल्ली एनसीआर में गौतमबुद्ध नगर जिला निवेशकों की पहली पसंद बना है. इस जिले में एक चौथाई निवेश किया जाना प्रस्तावित है. निवेशकों ने कुल 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश में से 7.85 लाख करोड़ रुपये का निवेश गौतमबुद्ध नगर जिले में करने का प्रस्ताव दिया है. इससे रोजगार के 23.84 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे. निवेश के मामले में टॉप 20 जिलों में आगरा दूसरे स्थान पर, लखनऊ तीसरे, गोरखपुर चौथे और वाराणसी पांचवें स्थान पर है.
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