उत्तर प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य, बेहतर ब्रांडिंग और सही बाजार के लिए लखनऊ में ‘एग्री मॉल’(Agri-Mall) खोलने की कवायद तेज हो गई है. उप्र मंडी परिषद के निदेशक इंद्र विक्रम सिंह ने इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बताया कि लखनऊ के चिनहट तिराहे के पास करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस मॉल में किसानों को एक ही जगह पर हर तरह के कृषि उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे. 7 मंजिल के इस हाईटेक ‘एग्री मॉल’ को बनने में अभी वक्त लगेगा. फिलहाल बेसमेंट और पिलर का काम चल रहा है. मंडी परिषद के द्वारा टेंडरिंग करके ठेकेदार को 18 महीने में काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. सिंह ने बताया कि इस साल के अंत या अगले साल तक ‘एग्री मॉल’ बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.
एग्री मॉल में लखनऊ जनपद के आसपास जिले बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर आदि जनपदों के किसान अपनी उपज को सीधे मॉल में बेच कर मंडी से अधिक मूल्य प्राप्त कर पाएंगे. वहीं किसानों को अपने ही जनपद उच्चगुणवत्ता और जलवायु अनुकूल पौध का उचित दाम मिलेगा.
मंडी परिषद के निदेशक इंद्र विक्रम सिंह बताते हैं कि इसमें निजी क्षेत्र की सहभगिता किसानों को एक नया विकल्प देगी, साथ ही मंडी परिषद की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी. उन्होंने बताया कि चिनहट तिराहे के पास मंडी परिषद की 7000 वर्ग फुट जमीन पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से मॉल बनाया जा रहा है. इसमें एग्रो प्रॉडक्ट की बिक्री के साथ ही एक अलग से फूड जोन और कैंटीन की भी सुविधा होगी. वहीं, 2 लेवल की एक पार्किंग बनाई जाएगी. इसी परिसर में एक ऑफिस स्पेस होगा. इसे पीपीपी मोड में इसका संचालन किया जाएगा.
इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि किसान एग्रो मॉल में फल, सब्जियां और अनाज सीधा बेच सकेंगे. इसके लिए उन्हें किसी माध्यम या बिचौलिये का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. जहां अच्छी क्वालिटी के फल, सब्जियां और अनाज ग्राहकों के लिए उपलब्ध होंगे. इस मॉल में किसान बिक्री के अलावा आराम भी फरमा सकेंगे. इसके अलावा, मॉल एक ही छत के नीचे विभिन्न कृषि संबंधी गतिविधियों, सेवाओं और उत्पादों को एक साथ लाता है. यह किसानों, कृषि-उद्यमियों और उपभोक्ताओं को कृषि से संबंधित गतिविधियों, व्यापार और ज्ञान साझा करने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
मंडी निदेशक ने बताया कि एग्री मॉल एक सेंट्रलाइज्ड जगह प्रदान करते हैं जहां किसान और उपभोक्ता एक साथ आ सकते हैं और कृषि उत्पादों और सर्विसेज का लेन-देन कर सकते हैं. इससे न तो किसानों को अपनी उपज बेचने जगह-जगह जाना पड़ेगा और न ही ग्राहकों को परेशान होना पड़ेगा. वहीं डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट जैसी ऑनलाइन कंपनियों को ताजा फल और सब्जियां मिलेगी. जिससे ऑनलाइन मार्केट को बढ़ावा मिलेगा, दूसरा किसानों की आय डबल होगी.
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