
ओडिशा सरकार ने कोल्ड स्टोरेज यूनिट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने 2029-2030 तक 252 करोड़ रुपये के निवेश से कम से कम 58 कोल्ड स्टोरेज यूनिट स्थापित करने का फैसला किया है. इस बात की जानकारी ओडिशा के एक राज्य मंत्री ने दी. इस मामले पर उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव ने कहा कि इस पहल का मकसद एक मजबूत कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना और किसानों के लिए मजबूत मार्केट लिंकेज बनाना है.
उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव यहां एग्रीकल्चरल प्रमोशन एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ ओडिशा लिमिटेड (APICOL) द्वारा ASSOCHAM के सहयोग से आयोजित कोल्ड स्टोरेज कॉन्क्लेव और बायर-सेलर मीट में बोल रहे थे. वहीं, कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रभारी सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2030 तक 58 सब-डिवीजन में कोल्ड स्टोरेज यूनिट स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसके लिए 252 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है.
उपमुख्यमंत्री ने पूंजी निवेश सब्सिडी और ब्याज प्रतिपूर्ति जैसे प्रमुख नीतिगत हस्तक्षेपों पर जोर दिया, जिनका मकसद बंद पड़ी कोल्ड स्टोरेज यूनिट को फिर से चालू करना और नए प्रोजेक्ट की लंबी अवधि की व्यवहार्यता सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए वैल्यू चेन में मजबूत सहयोग जरूरी है.
कॉन्क्लेव में बोलते हुए, विभाग के प्रधान सचिव, अरबिंद पाधी ने बाजार-आधारित कृषि की ओर राज्य के बदलाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ओडिशा पिछले 16-17 सालों से चावल-अधिशेष राज्य रहा है, जो 12 से अधिक राज्यों को चावल की आपूर्ति करता है. साथ ही पिछले कृषि वर्ष में लगभग 15 लाख टन खाद्यान्न के साथ-साथ इतनी ही मात्रा में बागवानी उत्पादों का उत्पादन किया है.
अरबिंद पाधी ने कहा कि राज्य सरकार ने इकोसिस्टम को मजबूत करने और निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए "आकर्षक प्रोत्साहन" के साथ एक व्यापक कोल्ड स्टोरेज नीति का मसौदा तैयार किया है. (PTI)