
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जाती है, जिनसे उन्हें अलग-अलग तरह की सहायता मिलती रहती है. आज भी देश में बहुत से किसान ऐसे हैं, जो आर्थिक रूप से बेहद मजबूत नहीं हैं और खेती से उनकी आमदनी भी कुछ खास नहीं होती. ऐसे में किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है. इस योजना के प्रभाव का आकलन करने वाले कई शोध हुए हैं, जिनमें ये पता लगाया गया है कि किसानों की आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पड़ रहे हैं. आइए जानते हैं.
अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) द्वारा 2019 में किए गए एक स्वतंत्र शोध में इस योजना के तहत किसानों द्वारा नकद पैसे के उपयोग का विश्लेषण किया गया है. अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि पीएम-किसान योजना के तहत मिले पैसे ने ग्रामीण आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लोन संबंधी मामलों को कम किया है और कृषि इनपुट में निवेश बढ़ाया है. इसके अतिरिक्त, इस धनराशि ने किसानों की जोखिम लेने की क्षमता में सुधार किया है, जिससे वे जोखिम भरे निवेश करने में सक्षम हुए हैं. कृषि संबंधी जरूरतों के अलावा, इस धनराशि का उपयोग शिक्षा, चिकित्सा और विवाह जैसे अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए भी किया गया है.
कृषि और किसान कल्याण विभाग ने किसान कॉल सेंटर (केसीसी) का उपयोग करते हुए एक व्यापक प्रतिक्रिया तंत्र भी लागू किया है. इस किए गए सर्वेक्षणों से पता चला है कि 92 फीसदी से अधिक लाभार्थी योजना से संतुष्ट हैं, और 93 फीसदी से अधिक किसान खेती-किसानी के लिए इस किस्त का उपयोग करते हैं.
नीति आयोग के विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना पर एक शोध किया. अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि यह योजना कृषि भूमि धारक किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता देने में सफलतापूर्वक पूरा कर रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता और कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो रही है. शोध से यह भी पता चलता है कि 92 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी किसानों ने वित्तीय सहायता का उपयोग बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसे आवश्यक चीजों को खरीदने में किया, जो बढ़ती लागत और मौसम संबंधी अनिश्चितताओं के मद्देनजर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
इसके अलावा लगभग 85 प्रतिशत लाभार्थी किसानों ने कृषि आय में वृद्धि और फसल खराब होने या चिकित्सा आपात स्थितियों के दौरान अनौपचारिक लोन पर निर्भरता में कमी की सूचना दी. यह शोध खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता और संस्थागत पारदर्शिता से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत की प्रगति में योजना के योगदान को दर्शाता है. यह इस बात पर भी जोर देता है कि पीएम-किसान योजना प्रत्यक्ष लाभ देने वाला एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गई है. दरअसल, इसकी जानकारी जारी शीतकालीन सत्र में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में दी.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना भारतीय किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने वाली स्कीम है. इस योजना को चलाने का मकसद हर जरूरतमंद और गरीब किसान को आर्थिक लाभ पहुंचाना है, ताकि उसे खेती-किसानी में कोई परेशानी न आए. इसके लिए पात्र किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.