उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन 2022-23 के अंतर्गत प्रदेश में धान की खरीद का कार्य 4431 क्रय केंद्रों पर चल रहा है. प्रदेश में 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. जिसके सापेक्ष में अब तक 42.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने बताया कि 6.74 लाख किसानों से अब तक धान की खरीद हो चुकी है जो लक्ष्य का 61% है. इसी अवधि तक पिछले साल 42.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी. अभी तक किसानों को 6969 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों के बैंक खातों में किया जा चुका है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी 2023 एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी 2023 तक धान की खरीद की जाएगी. वही मोटे अनाज के अंतर्गत पहली बार प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग की विपणन शाखा के द्वारा 18 जनपदों में 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर तक 106 क्रय केंद्रों के माध्यम से बाजरे की खरीद की गई. वहीं अब 12 जनवरी 2023 तक बाजरे की खरीद की जाएगी. बाजरा किसानों के लिए 15 दिनों के लिए खरीद का कार्यक्रम बढ़ाया गया है.
उत्तर प्रदेश में बाजरे की खरीद 18 जनपदों में 106 क्रय केंद्रों के माध्यम से की जा रही है. खाद एवं रसद विभाग की विपणन शाखा के द्वारा बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. वही निर्धारित क्रय लक्ष्य 50000 मीट्रिक टन के सापेक्ष 42.95 हजार मैट्रिक टन बाजरे की खरीद की जा चुकी है. 8452 किसानों को लाभान्वित किया गया है. वहीं उनके खाते में 90.15 करोड रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है. प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने बताया कि अधिकाधिक किसानों को मूल्य समर्थन योजना का लाभ प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार किसानों के हित में बाजरा खरीद की अवधि आगामी 15 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. अब 12 जनवरी 2023 तक बाजरे की खरीद की जाएगी. इस अवधि तक समस्त क्रय केंद्र संचालित होंगे जिससे कि अधिक अधिक बाजरे की खरीद हो सके.
उत्तर प्रदेश में 4431 क्रय केंद्रों के माध्यम से धान की खरीद का कार्य जारी है. अभी तक उत्तर प्रदेश में 674000 किसानों से धान की खरीद हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में निर्धारित लक्ष्य का 61% धान खरीदा जा चुका है. धान खरीफ सीजन की फसल है. जिसकी कटाई सितंबर और अक्टूबर में हुई है. यूपी में 1 अक्टूबर से धान की सरकारी खरीदी शुरू हुई थी.
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