UP News: किसानों के लिए खुशखबरी, बुवाई के लिए बीज खरीदने पर 50 परसेंट सब्सिडी दे रही सरकार

UP News: किसानों के लिए खुशखबरी, बुवाई के लिए बीज खरीदने पर 50 परसेंट सब्सिडी दे रही सरकार

जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर प्रमोद कुमार ने 'किसान तक' को बताया कि इन दिनों खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू होने वाली है. इसलिए कृषि विभाग ने धान के बीज और दलहन-तिलहन के बीजों की व्यवस्था की है. इस बार कृषि बीज भंडार में जितने भी बीज उपलब्ध हैं, उन सभी बीजों पर 50 परसेंट की छूट है.

बीज पर 50 परसेंट सब्सिडी का लाभ उठाएं किसानबीज पर 50 परसेंट सब्सिडी का लाभ उठाएं किसान
सिद्धार्थ गुप्ता
  • Banda,
  • May 27, 2024,
  • Updated May 27, 2024, 3:40 PM IST

यूपी के बांदा में धान की बुवाई के समय किसानों को सरकार ने खुशखबरी दी है. किसानों को अब बीज खरीदने पर तुरंत 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को सरकारी बीज केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके अलावा कृषि विभाग ने धान की बुवाई से पहले खेतों में कैंचा की बुवाई करने की सलाह दी है. इससे खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ेगी, खरपतवार जो नुकसान करते हैं, वह भी नष्ट हो जाएंगे. इसके साथ-साथ पैदावार में बढ़ोतरी होगी. इसके लिए बांदा कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. बीजों की खरीद पर सब्सिडी मिलने से किसानों की लागत कम होगी और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें: Mustard Oil Price: सिर्फ 15 दिन में 16 रुपये किलो बढ़ा सरसों के तेल का दाम, जानिए क्या है वजह

जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर प्रमोद कुमार ने 'किसान तक' को बताया कि इन दिनों खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू होने वाली है. इसलिए कृषि विभाग ने धान के बीज और दलहन-तिलहन के बीजों की व्यवस्था की है. इस बार कृषि बीज भंडार में जितने भी बीज उपलब्ध हैं, उन सभी बीजों पर 50 परसेंट की छूट है. बड़ी बात यह है कि जब किसान बीज खरीदने जाएंगे तो उन्हें बीज खरीदते समय 50 प्रतिशत ही अंश यानी पैसा जमा करना है. बाकी आधा पैसा किसान को में सब्सिडी के तहत छूट दी जाएगी.

क्या है एक्सपर्ट की राय?

उन्होंने आगे बताया कि गर्मी की जुताई खेतों में हानिकारक होती है. हानिकारक कीड़े मकोड़े, खरपतवार नष्ट हो जाते हैं. बारिश होने पर खेतों में नमी और खरपतवार ऊपर आने से पानी बर्बाद नहीं होता. खाद डालने के लिए किसानों को कहा गया है कि हरी खाद जरूर डालें, बुवाई के पहले उन्हें खेतों में पलट दें जिससे वह कंपोस्ट खाद बन जाएगी और खेतों की क्षमता बढ़ जाएगी. डीएपी यूरिया की भी बचत होगी और मृदा सुधार में परिवर्तन होगा. उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या के लिए सीधे उनके कार्यालय आकर संपर्क कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: मार्केट में जल्द आएगी पराली निपटाने की नई मशीन, क़ीमत होगी 40 हज़ार रुपये

जिला कृषि अधिकारी ने यह भी बताया कि 1335 क्विंटल धान बीज के लिए लक्ष्य रखा गया है, जो पॉश मशीनों द्वारा सरकारी कृषि बीज क्रय केंद्रों में वितरण शुरू किया जा चुका है. बासमती धान, बासमती पूसा 1718, बासमती 1728, 1692 के साथ मोटा धान का आवंटन हुआ है. इसके अलावा तिल, मूंग के बीज भी उपलब्ध कराए गए हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान पंजीकरण जरूर करा लें. इसके अलावा धान की फसल की बुवाई से पहले कैंचा की बुवाई करें. कैंचा को 45 दिन बाद खेत मे पलट दें, जिससे फसल को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिल जाता है. साथ ही कार्बनिक पदार्थ बढ़ने से लाभदायक जीवों की संख्या बढ़ जाती है. खेत में खरपतवार भी नष्ट हो जाते हैं.

 

MORE NEWS

Read more!