MISS: ब्याज सब्सिडी के लिए सरकार ने दिए 15642 करोड़ रुपये, किसानों को और सस्ता मिलेगा कृषि लोन

MISS: ब्याज सब्सिडी के लिए सरकार ने दिए 15642 करोड़ रुपये, किसानों को और सस्ता मिलेगा कृषि लोन

MISS: किसानों को खेती-बाड़ी के लिए सस्ता लोन मिलता रहे, इसके लिए सरकार ने बुधवार को कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया. किसानों को संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) के तहत सस्ता कृषि लोन दिलाने के लिए 15642 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी.

किसान क्रेडिट कार्डकिसान क्रेडिट कार्ड
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 29, 2025,
  • Updated May 29, 2025, 2:00 PM IST

देशभर के किसानों की मदद के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तवर्ष 2025–26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) को जारी रखने की मंजूरी दी है. इसी के साथ सरकार ने किसानों को कृषि लोन पर दी जाने वाली ब्याज सब्सिडी के लिए 15.6 हजार करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी. इस योजना के अंतर्गत, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसल ऋणों पर बैंकों को 1.5 परसेंट वार्षिक ब्याज अनुदान मिलता रहेगा. इस निर्णय से समय पर पुनर्भुगतान करने वाले किसानों को 3 परसेंट शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (PRI) सहित सिर्फ 4 परसेंट की प्रभावी ब्याज दर पर कृषि ऋण मिलता रहेगा.

किसानों के लिए क्या लाभ होंगे

  • सस्ता लोन: किसान सिर्फ 4 परसेंट वार्षिक ब्याज पर कार्यशील पूंजी पा सकेंगे जो वैश्विक स्तर पर सबसे कम दरों में से एक है.
  • लचीला ऋण: केसीसी के माध्यम से 5 वर्षों तक रिवॉल्विंग क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध है.
  • आपदा में राहत: प्राकृतिक आपदा की स्थिति में एक वर्ष तक ब्याज राहत और गंभीर आपदाओं में 5 वर्षों तक राहत मिलती है.
  • छोटे और सीमांत किसानों को लाभ: अब 76 परसेंट कृषि ऋण खाते छोटे किसानों के पास हैं — यह योजना भारतीय कृषि की रीढ़ को सशक्त बनाती है.
  • बिना जमानत लोन: 2 लाख रुपये तक के लोन के लिए कोई जमानत जरूरी नहीं.
  • उत्पादकता में वृद्धि: सरल ऋण उपलब्धता से बेहतर बीज,  उर्वरक और उपकरणों का उपयोग संभव, जिससे उपज और आय में वृद्धि होती है.

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क्रेडिट वृद्धि है योजना की सफलता

KCC के माध्यम से ऋण वितरण 4.26 लाख करोड़ रुपये (2014) से बढ़कर 9.81 लाख करोड़ रुपये (2024) हो गया. कुल कृषि ऋण प्रवाह 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 25.49 लाख करोड़ रुपये हुआ है. संस्थागत ऋण का हिस्सा 75 परसेंट से अधिक हो गया है, जिससे किसानों की साहूकारों पर निर्भरता घटी है. कृषि क्षेत्र के एनपीए 2019 में 8.9 परसेंट से घटकर 2023 में 7.2 परसेंट हो गए हैं, जबकि KCC के एनपीए 2021–22 में 12.66 परसेंट से घटकर 2023–24 में 11.5 परसेंट हो गए हैं — यह बेहतर ऋण प्रदर्शन और वसूली को दर्शाता है.

पारदर्शिता के लिए डिजिटल सुधार – किसान ऋण पोर्टल (KRP)

सरकार ने किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal - KRP) शुरू किया है, जो ब्याज अनुदान दावों की डिजिटल ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है. इससे वितरण तेज, पारदर्शी और उत्तरदायी बनता है, जिससे किसान और बैंक दोनों लाभान्वित होते हैं.

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आगे क्या होगा

सरकार KCC की सीमा 5 लाख रुपये तक बढ़ाने के अपने बजट 2025 के वादे पर प्रतिबद्ध है. यह प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन है. आज का मंत्रिमंडल निर्णय मौजूदा प्रावधानों के तहत किसानों को सतत सहायता सुनिश्चित करता है.

 

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