देशभर के किसानों की मदद के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तवर्ष 2025–26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) को जारी रखने की मंजूरी दी है. इसी के साथ सरकार ने किसानों को कृषि लोन पर दी जाने वाली ब्याज सब्सिडी के लिए 15.6 हजार करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी. इस योजना के अंतर्गत, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसल ऋणों पर बैंकों को 1.5 परसेंट वार्षिक ब्याज अनुदान मिलता रहेगा. इस निर्णय से समय पर पुनर्भुगतान करने वाले किसानों को 3 परसेंट शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (PRI) सहित सिर्फ 4 परसेंट की प्रभावी ब्याज दर पर कृषि ऋण मिलता रहेगा.
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KCC के माध्यम से ऋण वितरण 4.26 लाख करोड़ रुपये (2014) से बढ़कर 9.81 लाख करोड़ रुपये (2024) हो गया. कुल कृषि ऋण प्रवाह 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 25.49 लाख करोड़ रुपये हुआ है. संस्थागत ऋण का हिस्सा 75 परसेंट से अधिक हो गया है, जिससे किसानों की साहूकारों पर निर्भरता घटी है. कृषि क्षेत्र के एनपीए 2019 में 8.9 परसेंट से घटकर 2023 में 7.2 परसेंट हो गए हैं, जबकि KCC के एनपीए 2021–22 में 12.66 परसेंट से घटकर 2023–24 में 11.5 परसेंट हो गए हैं — यह बेहतर ऋण प्रदर्शन और वसूली को दर्शाता है.
सरकार ने किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal - KRP) शुरू किया है, जो ब्याज अनुदान दावों की डिजिटल ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है. इससे वितरण तेज, पारदर्शी और उत्तरदायी बनता है, जिससे किसान और बैंक दोनों लाभान्वित होते हैं.
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सरकार KCC की सीमा 5 लाख रुपये तक बढ़ाने के अपने बजट 2025 के वादे पर प्रतिबद्ध है. यह प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन है. आज का मंत्रिमंडल निर्णय मौजूदा प्रावधानों के तहत किसानों को सतत सहायता सुनिश्चित करता है.