मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन रोजगार को अमलीजामा पहनाने के लिए एमएसएमई विभाग (MSME Department) ने एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ की शुरुआत की है. प्रदेश में पहली बार उद्योग लगाने के लिए बिना ब्याज और गारंटी पांच लाख रुपये तक का लोन चार वर्षों के लिए दिया जा रहा है. साथ ही, युवाओं के प्रोजेक्ट के लिए आवेदन से संचालन तक में मदद के लिए हर जिले में आर्थिक विशेषज्ञों, सीए और रिटायर बैंक अधिकारियों को तैनात किया गया है, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को योजना का लाभ मिल सके.
सीएम योगी यूपी दिवस पर 24 जनवरी को 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' का शुभारंभ करेंगे. 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' की सफलता के लिए एमएसएमई विभाग ने कमर कस ली है. प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार से लेकर इसे और जनउपयोगी बनाने पर जोर दिया जा रहा है. योजना के लिए विभाग की वेबसाइट https://msme.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. युवाओं की सहायता के लिए वेबसाइट पर 400 परियोजना रिपोर्ट और लगभग 600 बिजनेस आइडिया भी दिए गए हैं.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि पूरी योजना को ऑनलाइन किया गया है. कहीं भी पिक एंड चूज की व्यवस्था नहीं है. युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए विभाग की ओर से हर जिले में सीए और रिटायर बैंक अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो प्रोजेक्ट के आवेदन से लेकर संचालन तक में युवाओं की मदद करेंगे. इसके अलावा उद्यमियों की मदद के लिए एमएसएमई विभाग हर जिले में दो-दो सीएम फेलो और कंप्यूटर आपरेटर भी तैनात करने जा रहा है. प्रदेश में पहली बार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विशेषज्ञों को तैनात किया जा रहा है.
प्रमुख सचिव आलोक कुमार बताते हैं कि विभाग ने इस योजना को दो चरणों में लागू किया है. पहले चरण में लिए गए मूलधन/पैनल इंटरेस्ट की पूर्ण वापसी करने वाला अभ्यर्थी दूसरे चरण के लिए पात्र होगा. इसके बाद वह ₹10 लाख तक की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए लोन ले सकेगा. ₹7.5 लाख तक के ऋण पर 50% ब्याज अनुदान 3 वर्षों तक दिया जाएगा.