प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan Scheme) की 14वीं किस्त का पैसा रिलीज होने की तारीख का एलान हो गया है. लेकिन, इस किस्त में उतने लोगों को लाभ नहीं मिलेगा जितने को 10वीं और 11वीं किस्त में मिला था. पहले से करीब दो करोड़ कम लोगों को पैसा मिलेगा. इसकी वजह भी है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अभी 2.14 करोड़ से अधिक किसानों का केवाईसी (Know Your Coustomer) ही नहीं हुआ है. सरकार लगातार केवाईसी करवाने की अपील कर रही है, इसके लिए कई बार मोहलत दी गई लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हुआ. यह किसानों की खुद की गलती है. बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जुलाई को राजस्थान के सीकर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बटन दबाकर आठ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करेंगे.
योजना के तहत अब तक सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में 2.42 लाख करोड़ रुपये भेजे गए हैं. इस बार 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जारी होगी. इतिहास में पहली बार किसी योजना के तहत डायरेक्ट किसानों को इतने पैसे मिले हैं. वरना अधिकारी और नेता मिलकर किसानों के हिस्से का पैसा साफ कर जाते थे. लेकिन, इस योजना के लाभ से कुछ किसान वंचित रह गए हैं तो उसमें उनकी खुद की गलती ज्यादा है. क्योंकि वो शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं. योजना की 11वीं किस्त का पैसा सबसे अधिक 10,45,68,304 किसानों को मिला था. उसके बाद 12वीं किस्त में यह घटकर 8,55,48,087 रह गया और 13वीं में सिर्फ 8,11,09,042 लोगों को ही लाभ मिला.
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केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने साफ किया है कि यह स्कीम सिर्फ भूमिधारक किसानों के लिए लागू है. ऐसे किसानों की संख्या 9.53 करोड़ से अधिक है. जिनकी भूमि का विवरण पीएम-किसान पोर्टल पर दर्ज है. वर्तमान में, वे सभी किसान जिनकी कृषि योग्य जमीन का विवरण प्रदान किया गया है और बैंक खातों को संबंधित राज्यों की सरकार द्वारा आधार से जोड़ा गया है, वे इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं. योजना के तहत पात्र किसानों को 2000-2000 रुपये की तीन किस्त में सालाना 6000 रुपये मिलते हैं. फिलहाल, भूमिहीन किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
राज्य | बकाया ई-केवाईसी |
उत्तर प्रदेश | 56,91,331 |
राजस्थान | 19,42,417 |
महाराष्ट्र | 18,02,436 |
बिहार | 14,92,646 |
गुजरात | 14,55,758 |
पश्चिम बंगाल | 13,41,187 |
मध्य प्रदेश | 11,91,828 |
ओडिशा | 10,10,187 |
कर्नाटक | 10,00,666 |
झारखंड | 5,43,507 |
केरल | 5,22,575 |
पंजाब | 5,10,603 |
आंध्र प्रदेश | 5,03,716 |
(20/07/2023 तक की स्थिति) | Source: Ministry of Agriculture |
कृषि मंत्रालय के मुताबिक पीएम किसान योजना में 54 लाख अपात्र किसानों ने फायदा उठाया है. इन किसानों के बैंक अकाउंट में 4352 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं. जिनकी रिकवरी मुश्किल हो रही है. ऐसे में अब योजना में काफी सख्ती कर दी गई है. वेरिफिकेशन के कई स्तर बना दिए गए हैं. आयकर पोर्टल भी पीएम किसान से लिंक कर दिया गया है. इसी कड़ी में ई-केवाईसी की भी व्यवस्था की गई है. ताकि पात्रों को ही पैसा मिले.
केवाईसी का मतलब होता है नो योर कस्टमर, यानी अपने ग्राहक को पहचानो. सरकार इसके जरिए लाभार्थी किसानों के नाम, आधार, पता, फोन नंबर और अन्य डिटेल वेरिफाई कर रही है. यह काम जब इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल माध्यम से होता है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी बोलते हैं. जिन किसानों ने इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है उन्हें पैसा नहीं मिलेगा.
पीएम- किसान योजना के तहत, लाभार्थियों की पहचान करने और उनका सही और सत्यापित डेटा पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी राज्यों की है. इसके बाद, ये डेटा आधार, पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस), आयकर डेटाबेस सहित सत्यापन और वैलिडेशन (मान्यकरण) के विभिन्न स्तरों से गुजरता है. इस तरह के सत्यापन और मान्यकरण के बाद, योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रदान किया जाता है.
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