प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि यानी कि PM Kisan को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. सूत्रों से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार पीएम किसान में एक और किस्त बढ़ा सकती है. इसका अर्थ हुआ कि तीन किस्तों में किसानों को जहां 6000 रुपये मिलते हैं, उसे बढ़ाकर 8000 रुपये किया जा सकता है. हालांकि अभी यह संभावना जताई जा रही है और सरकार की तरफ से इस पर अभी कोई हामी नहीं भरी गई है. देश में आम चुनाव को देखते हुए सरकार इसका फैसला ले सकती है.
CNBC-TV18 ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. सूत्रों से ये भी खबर आई थी कि केंद्र सरकार पीएम किसान स्कीम में भूमिहीन किसानों को भी जोड़ सकती है. हालांकि सूत्रों ने कहा है कि अभी यह संभव होता नहीं दिख रहा है और सरकार इस पर शायद ही विचार करे. कुछ दिन पहले सीएनबीसी टीवी18 ने सूत्रों से खबर दी थी कि सरकार भूमिहीन किसान, किरायेदार किसान और शेयर पर खेती करने वाले किसानों को PM Kisan स्कीम में जोड़ सकती है. लेकिन फिलहाल इस पर कोई रजामंदी बनती नहीं दिख रही है.
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किस्त बढ़ाने और भूमिहीन किसानों को पीएम किसान स्कीम में जोड़ने की खबर इसलिए आ रही है क्योंकि इस स्कीम से कई अपात्र किसानों के बाहर होने से सरकार का बड़े पैमाने पर पैसा बचा है. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के 10,000 करोड़ रुपये बचे हैं क्योंकि स्कीम से 1.72 करोड़ अपात्र किसानों को बाहर किया गया है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सरकार किसानों के लिए किस्त में बढ़ोतरी कर सकती है.
सूत्रों ने बताया है कि सरकार पीएम किसान के बजट को दोगुना बढ़ा सकती है ताकि भूमिहीन और किरायेदार किसानों को इस स्कीम में शामिल किया जा सके. हालांकि किसानों को यह सुविधा कुछ शर्तों के साथ दी जा सकती है. सरकार इस बारे में अभी कोई प्रस्ताव तैयार करेगी, अभी तक इस पर कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ है.
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पीएम किसान स्कीम की शुरुआत एक दिसंबर 2018 को की गई थी. इस योजना का मकसद खेत के मालिकों को आर्थिक सहायता देना है. इसमें उसी व्यक्ति को पीएम किसान का पैसा मिलता है जिनका लैंड रिकॉर्ड में नाम हो. सरकार इसमें किसानों को साल में तीन किस्तों में 6000 रुपये खाते में देती है. डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिये किसानों के खाते में तीन किस्तों में छह हजार रुपये दिए जाते हैं. इस स्कीम में पैसा केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाता है लेकिन राज्य सरकारों के पास किसानों का रिकॉर्ड बनाने का जिम्मा है.