'पंचायत' के भूषण और बिनोद ने फसल बीमा की बताई अहमियत, किसानों को सुकून भरी नींद का फॉर्मूला भी बताया

'पंचायत' के भूषण और बिनोद ने फसल बीमा की बताई अहमियत, किसानों को सुकून भरी नींद का फॉर्मूला भी बताया

केंद्र सरकार किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान होने की स्थिति में वित्तीय क्षतिपूर्ति के लिए पीएम फसल बीमा योजना चला रही है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पीएम फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक बनाने के इरादे से 'पंचायत' वेबसीरीज के कैरेक्टर भूषण कुमार और विनोद का इस्तेमाल किया है.

पीएम फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक किया जा रहा है. पीएम फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Oct 09, 2024,
  • Updated Oct 09, 2024, 6:50 PM IST

ग्रामीण परिवेश के साथ गांव की समस्याओं और सामाजिक ताने-बाने को दिखाने वाली वेबसीरीज 'पंचायत' के कैरेक्टर भूषण कुमार (बनराकस) और बिनोद ने सिरीज में बड़ी खूबसूरती से गांव की समस्याओं, जरूरतें और अपनी महत्वाकांक्षाओं को खुलकर सामने रखा है. इससे दोनों कैरेक्टर लोगों की जुबान और जेहन में काबिज हो गए हैं. अब दोनों कैरेक्टर को फसल बीमा के प्रति किसानों को जागरूक करते देखा जा रहा है, जिसमें बिनोद कहता है कि फसल बीमा कराने से सुकूनभरी नींद आती है और फसल की सुरक्षा भी होती है.

केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए पीएम फसल बीमा योजना चला रही है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पीएम फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक बनाने के इरादे से 'पंचायत' वेबसीरीज के कैरेक्टर भूषण कुमार और बिनोद का इस्तेमाल किया है. यह दोनों कैरेक्टर इतने लोकप्रिय हैं कि सोशल मीडिया पर विभिन्न मुद्दों पर मीम्स के रूप में इन कैरेक्टर्स का लोग जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. अब किसानों को पीएम फसल बीमा के प्रति जागरूक करने के लिए कृषि मंत्रालय ने इन कैरेक्टर्स का सहारा लिया है. 

'पंचायत' के बिनोद ने बताया सुकून भरी नींद का राज 

पीएम फसल बीमा योजना के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से की गई पोस्ट में 'पंचायत' के बिनोद और भूषण को फोटो में बातचीत करते देखा जा सकता है. तस्वीर में बिनोद भूषण से कहते दिखाया गया है कि फसल बीमा कराने के बाद ये बात तो है... नींद भी सुकून की आती है और सुरक्षा का भरोसा भी रहता है. 
इस पोस्ट के जरिए किसानों को फसल बीमा कराने और उसके फायदे के बारे में किसानों को बताने की कोशिश की गई है. 

फसल बीमा के फायदे 

किसानों को बताया गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों से फसलों को होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाती है. इस योजना में न्यूनतम प्रीमियम दर पर फसल बीमा मिलता है, डिजिटल तकनीक के जरिए मुआवजा बेहद आसानी से और जल्दी उपलब्ध कराया जाता है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता देने में मदद करती है. 

खरीफ सीजन में फसल बीमा के 9 करोड़ आवेदन 

खरीफ सीजन में बारिश और बाढ़ की वजह से बर्बाद फसलों की भरपाई पीएम फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने वाले किसानों को की गई है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खरीफ सीजन 2024 के लिए 8.69 करोड़ से अधिक किसानों के फसल बीमा कराने के आवेदन पहुंचे हैं. बता दें कि पीएम फसल बीमा योजना की शुरूआत जनवरी 2016 में की गई थी. इन 8 वर्षों के दौरान 70 करोड़ से अधिक किसानों के आवेदन मिले हैं. इनमें से 19.67 करोड़ से अधिक किसानों को फसल नुकसान की भरपाई की गई है. इसके तहत 1.64 लाख करोड़ से अधिक राशि का बीमा क्लेम भुगतान किया जा चुका है. 

रबी फसलों के प्रीमियम राशि घटाई गई 

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को रबी सीजन की बुवाई की शुरुआत के साथ ही किसानों को फसल बीमा कराने की सलाह दी है. किसान न्यूनतम प्रीमियम दर पर फसल बीमा करवा कर अपनी फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं. मंत्रालय ने रबी फसलों और बागवानी फसलों के बीमा के लिए प्रीमियम खरीफ की तुलना में कम है. 
 

  1. खरीफ फसलों के लिए किसानों को बीमा का 2 फीसदी प्रीमियम चुकाना पड़ा है. 
  2. रबी फसलों के लिए किसानों को कुल बीमा राशि का 1.5 फीसदी प्रीमियम चुकाना है. 
  3. बागवानी और कमर्शियल फसलों का बीमा कराने के लिए किसानों को कुल राशि का 5 फीसदी प्रीमियम चुकाना होगा.

गेहूं के लिए कितना प्रीमियम कितना मिलेगा मुआवजा 

पीएम फसल बीमा योजना के अनुसार रबी सीजन में हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के किसान गेहूं फसल का बीमा कराते हैं तो 2 हेक्टेयर फसल के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को किसान सम इंश्योर्ड की 1.5 फीसदी राशि यानी 1800 रुपये प्रीमियम यानी बीमा की किस्त चुकाएगा. जबकि, 8 फीसदी रकम केंद्र और राज्य सरकार बीमा कंपनी को चुकाएंगी. फसल का बीमा होने के बाद अगर फसल का नुकसान होता है तो किसान को अधिकतम 1.20 लाख रुपये मुआवजा के रूप में मिलेगा. 

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