हर पंचायत में खुलेंगे कृषि यंत्रों के कस्टम हायरिंग सेंटर, किसानों को सस्ते में मिलेंगी आधुनिक मशीनें

हर पंचायत में खुलेंगे कृषि यंत्रों के कस्टम हायरिंग सेंटर, किसानों को सस्ते में मिलेंगी आधुनिक मशीनें

Bihar Custom Hiring Center Scheme: बिहार सरकार हर पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करेगी, जिससे किसानों को अपने गांव में ही रियायती दर पर ट्रैक्टर, थ्रेशर, रीपर जैसे आधुनिक कृषि यंत्र मिलेंगे. 267 नए केंद्र बनाए जाएंगे और सरकार 40% तक सब्सिडी देगी.

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अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Jul 10, 2025,
  • Updated Jul 10, 2025, 6:48 PM IST

बिहार सरकार अब लघु और सीमांत किसानों को कृषि यंत्रों के लिए भटकने से राहत दिलाने जा रही है. राज्य के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को घोषणा की कि हर पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित किए जाएंगे. इस पहल से किसानों को अपने गांव में ही रियायती दर पर आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर मिल सकेंगे. डिप्टी सीएम ने कहा कि कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है. इसका सीधा लाभ उन किसानों को मिलेगा जो महंगे कृषि यंत्र खरीदने में सक्षम नहीं हैं. अब बुआई, रोपाई, कटाई से लेकर मड़ाई तक की सभी जरूरतें पंचायत स्तर पर पूरी हो सकेंगी. इस साल राज्य में 267 नए सीएचसी की स्थापना की जाएगी.

सरकार दे रही 40 फीसदी तक अनुदान

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के अनुसार, हर कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर लगभग 10 लाख रुपये की लागत आंकी गई है. सरकार इसमें 40 फीसदी तक अनुदान दे रही है. 35 बीएचपी या उससे अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टर पर अधिकतम 1.60 लाख रुपये और अन्य उपकरणों पर 4 लाख रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी.

गांव-गांव पहुंचेगा तकनीकी लाभ

कस्टम हायरिंग सेंटर से किसानों को खेती के लिए जरूरी जैसे रोटावेटर, रीपर, थ्रेशर, लेजर लैंड लेवलर और मेज शेलर जैसे यंत्र उपलब्ध होंगे. स्थानीय फसल चक्र के अनुसार, एक-एक उपकरण की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा.

इनको मिलेगा योजना का लाभ

इस योजना का लाभ केवल व्यक्तिगत किसानों को नहीं. बल्कि, जीविका समूह, ग्राम संगठन, एफपीओ, एफआईजी, स्व सहायता समूह, पैक्स और क्लस्टर फेडरेशन जैसे संगठनों को भी मिलेगा. इससे सामुदायिक स्तर पर खेती की तकनीकी जरूरतें पूरी होंगी और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.

अब तक 950 सेंटर बन चुके हैं

अब तक राज्य में 950 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित हो चुके हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 267 नए सेंटर खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सरकार का मानना है कि यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और युवाओं को स्थानीय स्तर पर उद्यमिता का नया अवसर भी मिलेगा.

डिप्टी सीएम ने कहा कि यह महज कृषि योजना नहीं. बल्कि बिहार के गांवों को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने की शुरुआत है. इसका असर फसल की गुणवत्ता से लेकर ग्रामीण जीवन स्तर तक देखने को मिलेगा.

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