किसानों को उनके बुढ़ापे में सहारा देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (Pradhan Mantri Kisan Maandhan Yojana) यानी फार्मर पेंशन स्कीम से किसानों का मोहभंग सा हो गया है. सितंबर में ही योजना के पांच साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अब तक इससे 25 लाख किसान भी नहीं जुड़ पाए हैं. जबकि पहले चरण में 5 करोड़ किसानों को रजिस्टर्ड करने का टारगेट सेट किया गया था. तो क्या यह माना जाए कि किसानों के लिए शुरू की गई पेंशन स्कीम में कुछ ऐसी शर्तें हैं जिसकी वजह से इसमें रजिस्ट्रेशन करवाने में किसान दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं?
योजना की वेबसाइट के अनुसार 24 दिसंबर 2024 तक महज 19,34,447 किसानों ने ही पेंशन के लिए दिलचस्पी दिखाई है. हालांकि, दिसंबर के पहले सप्ताह में लोकसभा में दी गई एक रिपोर्ट में मानधन योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की संख्या 24.66 लाख बताई गई है. हो सकता है कि कृषि मंत्रालय की वेबसाइट अपडेट न हो इसलिए हम लोकसभा में पेश किए गए आंकड़े को सही मानते हैं. देश में कुल 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं, जिसमें से 86 फीसदी छोटे किसान हैं, जो इस योजना के दायरे में आते हैं. इसके बावजूद अब तक 25 लाख किसान भी पेंशन के लिए आगे नहीं आए हैं.
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यह 18 से 40 वर्ष की उम्र के किसानों के लिए एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें 60 साल की उम्र होने पर 3000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी. योजना में किसानों की एंट्री की आयु के आधार पर मासिक प्रीमियम की रकम 55 रुपये से 200 रुपये प्रति माह के बीच है. भारत सरकार भी किसानों के पेंशन खाते में किसानों की ओर से इतना ही अंशदान देती है.
कृषि विशेषज्ञ अनिल घनवत का कहना है कि इस योजना में 40 साल की उम्र से अधिक का किसान रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकता. जो 40 साल वाला किसान है उसे 20 साल तक प्रीमियम भरना होगा. जबकि जो 18 साल वाला किसान है उसे 42 साल तक प्रीमियम भरना पड़ेगा. अब अगर 40 साल वाले किसान की भी बात करें तो यह अनुमान लगाईए कि 20 साल बाद 3000 रुपये प्रतिमाह की क्या वैल्यू रह जाएगी? लंबी अवधि तक प्रीमियम और कम पेंशन की वजह से किसान इससे जुड़ने से परहेज कर रहे हैं. किसी किसान की उम्र 55 साल है तो उसे इस योजना में जुड़ने का प्रावधान नहीं है. ऐसे में इस योजना में लोग कैसे जुड़ेंगे.
किसान मानधन योजना की शुरुआत झारखंड में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर 2019 को की थी. जबकि इसके लिए रजिस्ट्रेशन 9 अगस्त 2019 को ही शुरू हो गया था. योजना कोष का मैनेजमेंट भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) कर रहा है. इसका लाभ उन किसानों को ही मिल सकता है जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि योग्य जमीन है. यानी लघु एवं सीमांत किसान ही इसके लिए पात्र हैं. उससे अधिक जमीन का मालिकाना हक रखने वाले किसानों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.
मानधन योजना के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई फीस नहीं रखी गई है. अगर पॉलिसी होल्डर किसान की मौत हो गई तो उसकी पत्नी को 50 फीसदी रकम मिलती रहेगी. अगर कोई किसान बीच में ही पॉलिसी छोड़ना चाहता है तो जमा पैसा और उसका साधारण ब्याज मिल जाएगा. पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के लाभार्थी अगर चाहें तो उनकी पेंशन का पूरा प्रीमियम सालाना मिलने वाले 6000 रुपये में से सीधे कट जाएगा. आपको बस इसके लिए विकल्प चुनना होगा.
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