बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने पूरे हरियाणा में फसलों को तबाह कर दिया है. गेहूं और सरसों की फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. परेशान किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार सामने आई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से अपील की है कि वो हाल ही में प्रदेश में हुई बेमौसमी बरसात और औलावृष्टि के कारण हुए फसली नुकसान की जानकारी ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि फसलों के नुकसान का आकलन किया जा सके. उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किसान अपनी फसलों में हुए नुकसान की जानकारी 15 मार्च, 2024 तक अपलोड कर सकते हैं.
किसानों को पहले खुद नुकसान की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. इसके बाद सरकार राजस्व अधिकारियों से सर्वे करवाएगी. तब जाकर किसानों के बैंक अकाउंट में फसलों के नुकसान का मुआवजा आएगा. पोर्टल की वेबसाइट (www.ekshatipurti.haryana.gov.in पर किसान अपनी फसलों के नुकसान का विवरण तय समय से पहले भर दें. हरियाणा सरकार ने पहले से शर्त रखी हुई है कि मुआवजा उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनका रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज है.
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इस समय रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं और सरसों कटाई के लिए तैयार है. ऐसे वक्त में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों पर वज्रपात कर दिया है. बताया गया है कि सूबे के 570 गांवों में बारिश और ओलावृष्टि का असर देखने को मिला है. इनमें से 200 से ज्यादा गांवों में करीब तीन लाख हेक्टेयर में गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान होने का अनुमान है.
हालांकि, कृषि विभाग ने अभी तक नुकसान का कोई फाइनल आंकड़ा जारी नहीं किया है. इस बीच स्पेशल गिरदावरी का काम 15 मार्च तक बढ़ा दिया गया है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से सूबे में गिरदावरी का कार्य पहले से ही चल रहा है, अब मौजूदा बारिश और ओलावृष्टि की वजह से स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं, जो कि 15 मार्च तक पूरी की जाएगी.
पहले किसान खुद बताएंगे कि कितना नुकसान हुआ है. उसके बाद राज्य सरकार पटवारी से वेरिफाई करवाएगी. यानी नुकसान के आकलन और सत्यापन के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा. जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं करवाया है उन किसानों को फसल के 75 फीसदी से अधिक नुकसान के लिए 15,000 रुपये प्रति एकड़ और 50 से 75 फीसदी के बीच फसल नुकसान होने पर 12,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है.
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