हरियाणा सरकार ने आपदा राहत के लिए उठाया बड़ा कदम, पशुधन और चारे की भी होगी खास देखभाल

हरियाणा सरकार ने आपदा राहत के लिए उठाया बड़ा कदम, पशुधन और चारे की भी होगी खास देखभाल

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह अग्रिम राशि जिलों को इस तरह से दी गई है कि उन्हें कोई भी अतिरिक्त स्वीकृति का इंतजार न करना पड़े. इससे ज़िलों को आपदा आने की स्थिति में तुरंत कदम उठाने की स्वतंत्रता मिलेगी.

पशुओं के चारे की होगी सही व्यवस्थापशुओं के चारे की होगी सही व्यवस्था
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 07, 2025,
  • Updated May 07, 2025, 1:34 PM IST

हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं और खराब परिस्थितियों से निपटने के लिए सभी जिलों को 99 लाख रुपये की अग्रिम राशि जारी की है. इस राशि का उद्देश्य बाढ़ या अन्य आपदाओं से प्रभावित लोगों और पशुओं को तत्काल मदद पहुंचाना है. यह राशि विशेष रूप से पशुओं के चारे, राहत सामग्री और अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था के लिए हर जिले में भेजी गई है.

आपदा की स्थिति में तुरंत मदद मिलेगी

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह अग्रिम राशि जिलों को इस तरह से दी गई है कि उन्हें कोई भी अतिरिक्त स्वीकृति का इंतजार न करना पड़े. इससे ज़िलों को आपदा आने की स्थिति में तुरंत कदम उठाने की स्वतंत्रता मिलेगी.

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हर जिले को 4.50 लाख रुपये की अग्रिम राशि

प्रत्येक जिले के उपायुक्त को 4.50 लाख रुपये की राशि पहले ही दे दी गई है, जिसे इस तरह से विभाजित किया गया है.

  • 25,000 – प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री और कपड़े देने के लिए
  • 25,000 – अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था के लिए
  • 25,000 – पशुओं के चारे (fodder) की खरीद के लिए
  • 25,000 – राहत सामग्री के परिवहन व ईंधन खर्च जैसे विविध खर्चों के लिए
  • 50,000 – टूटे-फूटे मकानों की मरम्मत के लिए
  • 50,000 – अन्य जरूरी राहत उपायों के लिए
  • 2.50 लाख – ग्रामीण इलाकों में जल निकासी (dewatering) के लिए, जहां जलभराव की समस्या गंभीर हो सकती है.

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जलभराव से निपटना प्राथमिकता

डॉ. मिश्रा ने कहा कि सबसे ज्यादा राशि जल निकासी के लिए रखी गई है, क्योंकि बाढ़ के समय गांवों में पानी जमा होने से लोगों के जीवन और पशुओं की सुरक्षा दोनों को खतरा होता है.

हरियाणा सरकार का यह निर्णय आपदा के समय जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है. इससे न केवल लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि पशुधन की सुरक्षा और खेतों की सुरक्षा में भी कारगर साबित होगा.

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