किसानों के लिए बड़ी घोषणा, अगले पांच साल में दो लाख को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाएगी सरकार

किसानों के लिए बड़ी घोषणा, अगले पांच साल में दो लाख को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाएगी सरकार

सरकार इन पैक्स की स्थापना गांवों और पंचायतों में कराएगी. पैक्स के माध्यम से किसान अपनी उपज बेच सकेंगे और कमाई कर सकेंगे. हालांकि देश के कई हिस्सों में पैक्स संचालित हो रहे हैं. लेकिन सरकार का कहना है कि जहां-जहां सहकारी समितियां नहीं हैं, वहां पैक्स की स्थापना की जाएगी.

देश में दो लाख पैक्स बनाएगी सरकारदेश में दो लाख पैक्स बनाएगी सरकार
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 16, 2023,
  • Updated Feb 16, 2023, 11:17 AM IST

सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ी घोषणा की है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक घोषणा में कहा कि अगले पांच साल में पूरे देश में दो लाख को-ऑपरेटिव सोसायटी यानी कि पैक्स (PACS) स्थापित किए जाएंगे. इसी के साथ सरकार ने पूरे देश में को-ऑपरेटिव सोसायटी का जाल बिछाने के लिए एक ब्लूप्रिंट को मंजूरी दे दी है. इस नई घोषणा के मुताबिक पूरे देश में दो लाख नई 'प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी' (PACS) और डेयरी-फिशरीज को-ऑपरेटिव की स्थापना की जाएगी.

सरकार इन पैक्स की स्थापना गांवों और पंचायतों में कराएगी. पैक्स के माध्यम से किसान अपनी उपज बेच सकेंगे और कमाई कर सकेंगे. हालांकि देश के कई हिस्सों में पैक्स संचालित हो रहे हैं. लेकिन सरकार का कहना है कि जहां-जहां सहकारी समितियां नहीं हैं, वहां पैक्स की स्थापना की जाएगी. 

देश में अभी कुल 99000 पैक्स हैं जिनमें 63,000 कार्यरत हैं जहां किसानों की उपज की खरीदी होती है. सरकार के आंकड़े के मुताबिक, देश में अभी 1.6 लाख पंचायतें ऐसी हैं जहां कोई पैक्स नहीं है. इसी तरह दो लाख पंचायतें ऐसी हैं जहां कोई डेयरी को-ऑपरेटिव नहीं हैं. 

ये भी पढ़ें: यूपी के डेयरी सेक्टर में आएगा बूम, 32 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, देश में पैक्स, डेयरी और फिशरीज को-ऑपरेटिव बनाने के लिए एक ब्लूप्रिंट बनाया गया है. इस ब्लूप्रिंट को देश में कैसे लागू करना है और को-ऑपरेटिव सोसायटी को कैसे स्थापित करना है, इसका पूरा जिम्मा नाफेड, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड और नेशनल फिशरीज बोर्ड के जिम्मे है. 

पैक्स के निर्माण से किसानों को दूर-दराज में भी बाजार मिल सकेगा. किसान अपनी उपज अपने स्थानीय पैक्स में बेच सकेंगे. इस पैक्स से किसानों की आय बढ़ेगी और किसान जरूरत के लिए क्रेडिट या लोन की सुविधा भी ले सकेंगे. इस तरह की सेवाएं किसानों को उनके गांव में ही मिला करेंगी. सरकार का कहना है कि जो प्राइमरी को-ऑपरेटिव काम नहीं कर रही हैं, जिन्हें फिर से शुरू नहीं किया जा सकता, उनके बदले नई सोसायटी बनाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: बिहार: सरकारी सेंटर पर नहीं हुई धान की खरीद, किसानों ने आग में झोंक दी पूरी उपज

देश के दूर-दराज क्षेत्रों में नई सोसायटी बनने से ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसके लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. इसके लिए राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला स्तर पर कमेटी बनाई गई हैं जिनका काम को-ऑपरेटिव के एक्शन प्लान को लागू करना है.

MORE NEWS

Read more!