देश में दूध और इससे बने उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. जिस वजह से देश में डेयरी और डेयरी उद्योग का भी चलन काफी बढ़ गया है. आने वाले दिनों में डेयरी फ़ार्मिंग एक सफल रोजगार के रूप में विकसित होता नजर आ रहा है. ऐसे में इस रोजगार को और भी सफल बनाने के लिए किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन खास कर गाय-भैंस पालने के लिए प्रेरित कर रही है. सरकार द्वारा किए जा रहे इस प्रयास का मुख्य मकसद किसानों की आय को बढ़ाना है ताकि आर्थिक रूप से उसे मजबूत बनाया जा सके. इस कड़ी में केंद्र और राज्य सरकार कई कदम भी उठाती नजर आ रही हैं.
आपको बता दें केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन, डेयरी उद्यमिता और राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं चलाई हैं ताकि डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके. ऐसे में अलग-अलग राज्य सरकारें भी किसानों को इस दिशा में प्रेरित कर रही हैं. इसको देखते हुए हाल ही में उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रदेश में डेयरी हब विकसित करने की योजना बना रही है.
आपको बता दें इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है. यूपी के करीब 18 मंडलों में 190 गांव को आदर्श दूध विकास ग्राम के तौर पर सरकार ने चुना है. चुने गए गांव में सरकार की तरफ डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन और डेयरी बिजनेस के लिए हर सुविधा दी जाएगी, ताकि राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ाया का सके. इस उद्योग की मदद से रोजगार सृजन होगा और गांव की अर्थव्यस्था में भी सुधार किया जा सकेगा.
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खबरों के मुताबिक यूपी सरकार द्वारा चयनित 190 आदर्श गांव में दुग्ध विकास ग्रामों की दुग्ध समितियों को डेयरी व्यवसाय के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया कराई ताकि उन्हें किसी समस्या का सामना ना करना पड़े. इसी कड़ी में वाराणसी और बरेली के दुग्ध संघों को 15-15 आदर्श गांव मिले हैं.
इन आदर्श गांव की सूची में मिर्जापुर, प्रयागराज, चित्रकूट, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, अयोध्या, गोण्डा, झांसी, लखनऊ, अलीगढ़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों में 10-10 आदर्श गांव शामिल हैं. वहीं कानपुर, बुलन्दशहर, आगरा और मथुरा में भी 5-5 आदर्श दूध विकास ग्राम का चयन किया गया है.
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इसको आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने डेयरी उद्योग के विस्तार को लेकर अधिकारियों के साथ अहम बैठक की है. जिसके बाद यह सुनिश्चित किया गया कि आदर्श गांव की सूची में आने वाले 190 सभी दुग्ध समितियों के सदस्यों, सचिवों और परीक्षकों को डेयरी उधयोग से संबन्धित तकनीकी जानकारी दी जाएगी.
साथ ही दुधारू पशुओं के लिए सभी सुविधाएं जैसे पशु आहार, मिनरल मिक्सर और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा भी दी जाएगी. दुधारु पशुओं का टीकाकरण, टिक कंट्रोल और पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा देने की भी योजना सरकार बना रही है.
कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है. खास कर अगर पशुपालन और डेयरी की बात की जाए तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने का काम करता है. इससे ना केवल आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है बल्कि गांव के बेरोजगार युवा और महिलाओं को भी सशक्त किया जा रहा है. ऐसे में आप भी गांव में रहकर इस रोजगार को आसानी से कर सकते हैं. इस रोजगार को शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर तकनीकी और आर्थिक मदद देती हैं. इतना ही नहीं, नाबार्ड और अन्य वित्तीय संस्थाएं भी डेयरी कारोबार के लिए सस्ती दरों पर लोन और सब्सिडी किसानों को दे रही हैं.