PM Kisan Samman Nidhi: छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए चलाई गई केंद्र सरकार की किसान हितैषी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत से ही देश के करोड़ों किसान इसका लाभ उठा रहे हैं. 2019 से अब तक इस योजना की 18 किस्तें जारी हो चुकी हैं. किसानों को इस योजना के तहत सालाना 6 हजार रुपये तीन समान किस्तों में मिलते हैं, जो हर चार महीने के अंतराल में उनके खातों में सीधे पहुंचती है. लेकिन इस योजना में बड़े पैमाने पर अपात्र लोगों ने भी लाभ उठाकर सरकार को तगड़ा नुकसान पहुचाया हैं, लेकिन उनसे वसूली गई रकम बेहद कम है. अगर वसूली इसी रफ्तार से चलती रही तो इसमें सालों लगने का अनुमान है.
साल 2019 से अप्रैल 2022 तक पीएम किसान योजना से कुल 4352 करोड़ रुपये अवैध रूप से निकाले गए थे, जो 54 लाख से अधिक अपात्र किसानों के खाते में पहुंचे वहीं, कई जगहों पर सरकारी और संविदा कमर्चारियों की सांठ-गांठ से भी अपात्र किसानों को लाभ पहुंचाया गया.
इससे जुड़ा सबसे बड़ा मामला तमिलनाडु में सामने आया था, जहां कर्मचारियों के सहयोग से अपात्र लोगों को इसका लाभ दिलाया गया. बाद में सरकार की ओर से कार्रवाई किए जाने के बाद संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया और कई अपात्र लाभार्थियों पर भी कार्रवाई हुई और वसूली की गई.
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संबंधित राज्य सरकारों द्वारा आयकर दाता, उच्च आय वर्ग, सरकारी कर्मचारी आदि के कारण चिन्हित अपात्र किसानों से वसूली शुरू कर दी गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में दिसंबर 2024 तक ऐसे अपात्र लाभार्थियों से कुल सिर्फ 335 करोड़ रुपये की वसूली हो पाई है. मार्च 2022 तक अपात्र किसानों से सरकार ने 296.67 करोड़ रुपये वसूले थे. तब से अब तक मुश्किल से 38 करोड़ रुपये ही वापस सरकार के अकाउंट में पहुंचे हैं. 182.80 करोड़ रुपये की रिकवरी अकेले तमिलनाडु सरकार ने की है.
किसान राजनीतिक तौर पर बेहद संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए सरकार अभी फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्ती करने से परहेज कर रही है. हालांकि, केंद्र सरकार योजना को बेहतर बनाने के लिए ई-केवाईसी और फार्मर रजिस्ट्री आदि जैसी चीजों पर जोर दे रही है. भविष्य में किसी भी प्रकार से कोई योजना का अनुचित लाभ न उठा सके. बता दें कि पीएम किसान स्कीम किसानों को डायरेक्ट उनके बैंक खाते में मदद भेजने वाली यह देश की पहली स्कीम है.