भारत सरकार ने एक बड़े फैसले में खुले बाजार में 50 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला लिया है. इसी के साथ 25 लाख टन चावल भी बेचा जाएगा. सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम यानी कि OMSS के तहत गेहूं और चावल खुले बाजार में बेचेगी. इससे बाजार में इन दोनों अनाजों की सप्लाई बढ़ेगी जिससे दाम में गिरावट आने की संभावना है. हाल के दिनों में जिस तरह से गेहूं और चावल का रेट बढ़ा है, उसे देखते हुए सरकार नए-नए कदम उठा रही है. उसी में ओएमएसएस भी एक है जिसमें 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल बेचने का फैसला किया गया है.
खुले बाजार में OMSS के तहत गेहूं और चावल की सप्लाई फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि FCI के जरिये की जाएगी. इसके लिए एफसीआई हर हफ्ते अनाजों की नीलामी कर रही है. एफसीआई द्वारा चावल की पिछली पांच ई-नीलामी के अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) में 200 रुपये/क्विंटल की कमी की जाएगी और प्रभावी मूल्य अब 2900 रुपये/क्विंटल होगा.
दरअसल, सात अगस्त तक एक साल में गेहूं की कीमतें खुदरा बाजार में 6.77 प्रतिशत और थोक बाजार में 7.37 प्रतिशत बढ़ गई हैं. इसी तरह, चावल की कीमतों में खुदरा बाजार में 10.63 प्रतिशत और थोक बाजार में 11.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस महंगाई को कम करने के लिए ही सरकार ने गेहूं और चावल की नीलामी की मात्रा को बढ़ाने का फैसला लिया है.
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सरकार की तरफ से कहा गया है कि बाजारों में अनाजों की उपलब्धता बढ़ाने, बाजार की कीमतों में वृद्धि को कम करने और खाद्य महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए ओएमएसएस के तहत निजी कंपनियों को गेहूं और चावल की पेशकश करने का निर्णय लिया है. आपको बता दें कि सरकार एक जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार फ्री अनाज भी उपलब्ध करा रही है.
क्या आने वाले समय में गेहूं की इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जाएगी? इस बारे में सरकार ने साफ किया है कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. सरकार ने कहा कि भविष्य में गेहूं की मांग के आधार पर इंपोर्ट घटाने पर फैसला लिया जाएगा. सरकार के मुताबिक बाजार में चीजें हमेशा बदलती हैं जिसे देखते हुए फैसले लिए जाते हैं.
अभी एफसीआई सेंट्रल पुल से बड़े-बड़े थोक खरीदारों को गेहूं और चावल की बिक्री कर रहा है जिसमें आटा मिलर्स और छोटे व्यापारी शामिल हैं. इसकी बिक्री ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत की जा रही है जिसे सरकार ने 28 जून से शुरू किया है. मीडिया को जानकारी देते हुए खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, "दो खाद्यान्नों की कीमतें पिछले कुछ महीनों से खबरों में हैं क्योंकि इसमें बढ़त का ट्रेंड हम देख रहे हैं." ओएमएसएस के तहत गेहूं का उठाव अब तक अच्छा रहा है. हालांकि, पिछली दो-तीन नीलामियों में गेहूं की औसत कीमत बढ़ रही है. खाद्य सचिव ने कहा कि चावल की बिक्री ज्यादा नहीं हुई है.
एफसीआई के सीएमडी ने कहा कि शुरुआत में 28 जून को गेहूं का औसत बिक्री मूल्य 2,136.36 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब आज की ई-नीलामी में 2,254.71 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. उन्होंने कहा, "इससे पता चलता है कि बाजार में गेहूं की मांग में वृद्धि हुई है."
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उन्होंने कहा कि आज की ई-नीलामी में ओएमएसएस के तहत लगभग 1,500 टन चावल बेचा गया है. एफसीआई के पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है. उन्होंने कहा कि इसके पास बफर स्टॉक से अधिक 87 लाख टन गेहूं और 217 लाख टन चावल उपलब्ध है.