किसानों को मिलेगा इस योजना का लाभ, खेतों में करवा सकेंगे तालाबों का निर्माण

किसानों को मिलेगा इस योजना का लाभ, खेतों में करवा सकेंगे तालाबों का निर्माण

इस पहल का सबसे बड़ा लाभ उन किसानों को मिलेगा जो अपने खेतों में तालाबों का निर्माण करना चाहते हैं. साथ ही, महाराष्ट्र की नई आवास योजनाओं के लाभार्थियों को भी रॉयल्टी या अनुमति शुल्क से राहत मिलेगी. इससे उनके लिए निर्माण कार्य सरल और सस्ता होगा, जिससे उनका वित्तीय बोझ कम होगा और वे आसानी से अपने घरों और खेतों की आवश्यकताएं पूरी कर सकेंगे.

किसानों को मिलेगा इस योजना का लाभकिसानों को मिलेगा इस योजना का लाभ
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 05, 2025,
  • Updated Apr 05, 2025, 5:55 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य में विभिन्न स्थानीय विकास परियोजनाओं के लिए मिट्टी, छोटे पत्थर, बोल्डर और मिट्टी की रेत जैसे छोटे खनिजों के उपयोग को मंजूरी दे दी है. इस निर्णय से विशेष रूप से किसानों, आवास योजना के लाभार्थियों और अन्य ग्रामीण विकास परियोजनाओं में काम करने वाले व्यक्तियों को लाभ होगा. इस निर्णय से राज्य में विभिन्न विकास कार्यों में तेजी लाने और स्थानीय संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने में मदद मिलेगी.

स्थानीय विकास के लिए खनिज का उपयोग

महाराष्ट्र सरकार की यह पहल खास तौर पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में जल निकायों, सड़क निर्माण और बांधों के विकास में मददगार साबित होगी. इस फैसले के तहत किसानों को अपने खेतों में तालाब बनाने, जल निकायों को गहरा या सीधा करने के लिए जरूरी सामग्री मिलने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही इन खनिजों का इस्तेमाल 'मातोश्री ग्राम समृद्धि शेट (खेत) सड़क योजना' के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण में भी किया जाएगा.

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किसानों को मिलेगा लाभ

इस पहल का सबसे बड़ा लाभ उन किसानों को मिलेगा जो अपने खेतों में तालाबों का निर्माण करना चाहते हैं. साथ ही, महाराष्ट्र की नई आवास योजनाओं के लाभार्थियों को भी रॉयल्टी या अनुमति शुल्क से राहत मिलेगी. इससे उनके लिए निर्माण कार्य सरल और सस्ता होगा, जिससे उनका वित्तीय बोझ कम होगा और वे आसानी से अपने घरों और खेतों की आवश्यकताएं पूरी कर सकेंगे.

रॉयल्टी या अनुमति शुल्क की छूट

आमतौर पर खनिजों के उपयोग पर रॉयल्टी या अनुमति शुल्क लिया जाता है, लेकिन इस नई नीति के तहत किसानों और आवास योजना के लाभार्थियों के लिए इन सामग्रियों के उपयोग पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसका सीधा लाभ किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों से जुड़े लोगों को मिलेगा. इससे न केवल उनका आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि विकास परियोजनाओं में भी तेजी आएगी.

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राज्य की नई रेत खनन नीति

राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने हाल ही में नई रेत खनन नीति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य अवैध उत्खनन को रोकना और पारिस्थितिक स्थिरता को बढ़ावा देना है. इस नीति का उद्देश्य रेत खनन के क्षेत्र में अनुशासन और पारदर्शिता लाना है. इसके तहत पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनिजों का वैधानिक तरीके से उपयोग किया जाएगा, जो राज्य की विकास योजनाओं में मददगार साबित होगा.

महाराष्ट्र सरकार के इस कदम से राज्य के विकास कार्य और अधिक प्रभावी होंगे. किसानों, आवास योजना के लाभार्थियों और अन्य स्थानीय विकास परियोजनाओं के लिए गौण खनिजों का उपयोग आसान और सस्ता होगा. साथ ही, पारिस्थितिकी स्थिरता और अवैध खनन की रोकथाम के लिए सरकार की नई नीतियाँ राज्य के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी. इस निर्णय से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी विकास कार्यों में भी तेजी आएगी.

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