राजस्‍थान सरकार इस योजना पर देती है लाखों रुपये की सब्सिडी, 30 सितंबर तक  करें अप्‍लाई 

राजस्‍थान सरकार इस योजना पर देती है लाखों रुपये की सब्सिडी, 30 सितंबर तक  करें अप्‍लाई 

राजस्थान में पानी की कमी सरकार और संबंधित विभागों के लिए चिंता का कारण बन गया है. इसी के समाधान के तौर पर राज्य सरकार की तरफ से किसान फार्म तालाब योजना (Kisan Farm Pond Scheme) की शुरुआत की गई है. यह योजना किसानों के लिए राहत बनकर सामने आई है. राज्‍य के किसानों को इस योजना का फायदा उठाने के लिए 30 सितंबर से पहले अप्‍लाई करना होगा. 

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jul 08, 2025,
  • Updated Jul 08, 2025, 6:45 AM IST

राजस्थान जैसे सूखे राज्य में जहां हर साल पानी की कमी किसानों की सबसे बड़ी चुनौती होती है, वहां अब सरकार की एक पहल वरदान साबित हो रही है. बात हो रही है 'किसान फार्म तालाब योजना' की जिसके तहत किसानों को उनके खेतों में बारिश का पानी जमा करने के लिए तालाब बनाने पर भारी सब्सिडी देती है. सरकार चाहती है कि किसान इस योजना को अपनाएं ताकि सिंचाई की समस्या कम हो और भूजल स्तर भी सुधरे. इस योजना का मकसद है किसानों को खेत में बारिश के पानी को इकट्ठा करना है. इसके लिए सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है, जिससे सिंचाई के लिए पानी की समस्या काफी हद तक कम हो रही है. 

30 सितंबर है आखिरी तारीख 

राजस्थान में पानी की कमी सरकार और संबंधित विभागों के लिए चिंता का कारण बन गया है. इसी के समाधान के तौर पर राज्य सरकार की तरफ से किसान फार्म तालाब योजना (Kisan Farm Pond Scheme) की शुरुआत की गई है. यह योजना किसानों के लिए राहत बनकर सामने आई है. राज्‍य के किसानों को इस योजना का फायदा उठाने के लिए 30 सितंबर से पहले अप्‍लाई करना होगा. 

इस योजना के तहत किसानों को खेत तालाब बनाने के लिए 1.35 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है. रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और उसके ृ प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कृषि विभाग के जरिये से साल 2025-26 में भी योग्‍य किसानों को सब्सिडी मुहैया कराएगी. इस योजना का लाभ या सब्सिडी का फायदा उठाने के लिए किसान के नाम पर न्यूनतम 0.3 हेक्टेयर जमीन पर मालिकाना हक और सह खातेदार होने पर उनके हिस्से में एक स्थान पर 0.3 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व होना जरूरी है. 

सब्सिडी की खास शर्तें 

ज्‍वॉइन्‍ट अकाउंट होल्‍डर होने पर आपसी सहमति से प्रति किसान 0.3 हेक्टेयर और एक ही खसरा में अलग-अलग फार्म तालाब पर सब्सिडी के योग्‍य होंगे. दोनों तालाब की दूरी 50 फीट होनी चाहिए. एक किसान को दूसरे तालाब पर सब्सिडी कहीं और जमीपन और बाकी खसरा नंबरों के आधार पर ही मिलेगी. तालाब निर्माण पर फव्वारा, ड्रिप प्‍लांट की स्थापना के बाद ही सब्सिडी मिल सकेगी. 

स्‍कीम की कुछ खास बातें 

किसानों को खेत तालाब बनाने के लिए 1.35 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है. 
70 फीसदी लागत सरकार की तरफ से अदा की जाती है और किसान को सिर्फ 30 फीसदी भुगतान ही करना होता है. 
न्यूनतम आवश्यक तालाब का आकार 400 क्‍यूबिक मीटर होना चाहिए. 
किसान, राज किसान पोर्टल या ई-मित्र केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. 
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों को बाकी की तुलना में ज्‍यादा सब्सिडी मिलती है. 

कैसे मिलती है सब्सिडी 

यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को पानी की कमी का सामना न करना पड़े, सरकार अधिकतम 1200 क्यूबिक मीटर आकार के कच्चे या प्लास्टिक-लाइन वाले खेत तालाब बनाने के लिए सब्सिडी देती है. सब्सिडी की जानकारी इस तरह से है: 

अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), लघु और सीमांत किसान
कच्चा खेत तालाब: 73,500 रुपये तक
प्लास्टिक-लाइन वाले तालाब के लिए 1.35 लाख रुपये तक की सब्सिडी 

बाकी किसान 

कच्चा खेत तालाब : 63,000 रुपये तक की सब्सिडी 
प्लास्टिक-लाइन वाला तालाब पर: 1.2 लाख रुपये तक

तालाब योजना के फायदा 

सिंचाई सहायता:  फसलों के लिए पानी की कमी से निपटने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को सक्षम बनाता है. 
ग्राउंडवॉटर रिचार्ज: वर्षा आधारित क्षेत्रों में भूजल स्तर को बेहतर बनाने में मदद करता है. 
टिकाऊ खेती: प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देती है. 

कौन-कौन से डॉक्‍यूमेंट जरूरी 

कृषि विभाग से सब्सिडी हासिल करने के लिए किसान के पास जमाबंदी नकल, भूमि का नक्शा, जनाधार कार्ड, लघु व सीमांत श्रेणी का प्रमाण पत्र होना जरूरी है. इनके बगैर योजना का फायदा नहीं मिलेगा. किसान योजना का लाभ उठाने के लिए ई मित्र या राज किसान साथी पोर्टल पर किसान नागरिक लॉगिन पर जाकर जनाधार नंबर के माध्यम से 30 सितंबर तक अप्‍लाई करा सकते हैं.

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