देश में किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) का लाभ खुद से छोड़ रहे हैं. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 से मई 2024 तक देशभर में 1.16 लाख किसानों ने खुद को पीएम किसान योजना की सूची से बाहर लिया है. यानी ये किसान खुद से पीएम किसान योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं. खास बात यह है कि योजना छोड़ने वाले सूची में बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान सबसे आगे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में सबसे ज़्यादा 29,176 किसान परिवारों ने पीएम-किसान का लाभ छोड़ा है. उसके बाद उत्तर प्रदेश में 26,593 और राजस्थान में 10,343 किसानों ने पीएम किसान योजना का लाभ छोड़ा है. सूत्रों ने बताया कि कृषि मंत्रालय ने पिछले साल पीएम-किसान मोबाइल ऐप और वेबसाइट में एक मॉड्यूल पेश किया था, जो किसानों को स्वेच्छा से योजना से बाहर निकलने में सक्षम बनाता है. अधिकारियों ने बताया कि बहुत अधिक जोत वाले किसानों ने खुद से सब्सिडी का लाभ न लेने का फैसला किया. वहीं, कर-भुगतान करने वाले छोटे किसानों ने भी योजना का लाभ लेना छोड़ दिया.
पीएम-किसान पोर्टल पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, अपने लाभ को सरेंडर करने के इच्छुक किसानों को अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करना होगा. उसके बाद, वे एक ओटीपी जनरेट कर सकते हैं जो उनके आधार-पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा. इस प्रक्रिया के माध्यम से, पीएम-किसान लाभार्थी की पहचान की जाती है. इसके बाद, लाभार्थी अपने लाभ को सरेंडर कर सकता है. पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये प्रति वर्ष मिलते हैं.
यह योजना 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई थी. दिसंबर-मार्च 2018-19 में पहली किस्त के समय लाभार्थियों की संख्या 3.03 करोड़ थी. पीएम-किसान एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसमें केंद्र से 100 फीसदी वित्त पोषण होता है. यह फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है. अब तक किसानों को पीएम-किसान की 16 किस्तें जारी की जा चुकी हैं. 16वीं किस्त इस साल 29 फरवरी को महाराष्ट्र के यवतमाल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9.09 करोड़ किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की थी. सूत्र ने बताया कि इस अवधि (अप्रैल-जुलाई 2024) के लिए 17वीं किस्त आनी बाकी है और नई सरकार के शपथ लेने के तुरंत बाद इसे जारी किया जा सकता है.