महिलाएं संभालेंगी कस्टम हायरिंग सेंटर की कमान, क‍िसानों को आसानी से म‍िलेंगे कृष‍ि उपकरण

महिलाएं संभालेंगी कस्टम हायरिंग सेंटर की कमान, क‍िसानों को आसानी से म‍िलेंगे कृष‍ि उपकरण

आईसीएआर सीआईडब्ल्यूए भुवनेश्वर द्वारा महिलाओं के नेतृत्व वाली कृषि-मशीन कस्टम हायरिंग सेंटर का शुभारंभ किया गया है. इससे कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी

ICAR भुवनेश्वर द्वारा महिलाओं के नेतृत्व में कस्टम हायरिंग सेंटर लॉन्चICAR भुवनेश्वर द्वारा महिलाओं के नेतृत्व में कस्टम हायरिंग सेंटर लॉन्च
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 19, 2023,
  • Updated Feb 19, 2023, 10:25 AM IST

किसी भी क्षेत्र की तरक्की तब मानी जाती है, जब उस क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं. इसी तरह से कृषि के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों से महिलाओं की अच्छी भागीदारी देखी गई है. सरकार की ओर से भी महिलाओं को इस क्षेत्र में बढ़ाने के लिए विशेष प्रोत्साहन मिलता रहा है. नए भारत के कृषि क्षेत्र के विकास में ग्रामीण महिलाएं प्रमुख भूमिका निभा रही हैं. अब महिलाओं कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि से जोड़ने का प्रयास जारी है. इसी कड़ी मे अब देश की ग्रामीण मह‍िलाएं कस्टम हायर‍िंंग सेंटर की कमान संभालने जा रही हैं, ज‍िससे क‍िसानों को सुलभता से कृष‍ि उपकरण उपलब्ध हो सकेंगे. आइए जानते हैं क‍ि कस्टम हायर‍िंग सेंटर क्या हैं और कहां पर मह‍िलाओं को कस्टम हायर‍िंग सेंटर लांच करने की ज‍िम्मेदारी दी गई है. 

कस्टम हायरिंग सेंटर क्या है

कस्टम हायरिंग सेंटर के बारे में देश के अधिक किसानों को जानकारी नहीं है. अपको बता दें कि ये ऐसे केंद्र होते हैं, जो किसानों को अधुनिक खेती से जोड़ने के लिए उन्हें किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराते हैं और उसका शुल्क या किराया बेहद कम होता है ताकि हर वर्ग का किसान इसका लाभ उठा सके.

भुवनेश्वर में मह‍िलाओं को कस्टम हायरिंग सेंटर की कमान

देश में फील्ड संचालन की क्षमता को बढ़ाने के लिए  Scheduled Castes Sub Plan के तहत आईसीएआर सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर वि‍मेन इन एग्रीकल्चर भुवनेश्वर के द्वारा दो महिला एसएचजी के नेतृत्व वाले कस्टम हायरिंग सेंटर लॉन्च किए गए. इस हायरिंग सेंटर से किसानों की कई समस्याओं का समाधान होगा. साथ ही उनके कौशल को भी बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा इसके और भी कई लाभ सामने आए हैं. 

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कस्टम हायरिंग सेंटर से होने वाले लाभ 

कस्टम हायरिंग सेंटर लांच होने से कई तरह के लाभ देखे जा सकते हैं. हायरिंग सेंटर न केवल फील्ड कौशल को बढ़ाता है बल्कि बीज उपचार, बुवाई, निराई, कटाई और कटाई के बाद खेतिहर महिलाओं की कड़ी मेहनत को भी कम करेंगे. इस सेंटर में दिए जाने वाले उपकरणों की बात करें तो मुख्य रूप से  बीज उपचार ड्रम, ड्रम सीडर, कोनो वीडर, धान थ्रेशर सह विनोवर, मूंगफली डेकोर्टिकेटर और मक्का शेलर जैसे उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. 

आईसीएआर सीआईडब्ल्यूए भुवनेश्वर द्वारा महिलाओं के नेतृत्व वाली कृषि-मशीन कस्टम हायरिंग सेंटर का शुभारंभ किया गया है. इससे कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी साथ उनकी मेहनत और कृषि में लगने वाले समय में कमी भी देखी जा सकती है. जिसके बाद से नए नए लोगों का कृषि के क्षेत्र में जुड़ाव भी देखे जाने की उम्मीद जताई जा रही है. इस तरह की तकनीक विकसित होने के कारण लोगों की कौशल क्षमता का विकास होता है जिसके कारण कृषि के तरीकों में सकारात्मक परिवर्तन देखे जाने की उम्मीद है. 

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