भारत में लगभग 60 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है. वहीं, इनमें से ज्यादातर किसान वर्षा आधारित कृषि पर निर्भर हैं. ऐसे में कई बार अचानक होने वाली भारी बारिश, सूखा, तूफान या किसी अन्य तरह की प्राकृतिक आपदा की वजह से फसलों के खराब होने का खतरा बना रहता है. किसानों की इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई है, जो इस स्थिति में उनको वित्तीय सहायता प्रदान करती है. हालांकि, इसके लिए किसानों को प्रीमियम देना पड़ता है. लेकिन अब ओडिशा के किसानों की तरह ही मेघालय के किसानों को भी फसल बीमा का प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्तिय वर्ष 2023-24 के दौरान खरीफ और रबी दोनों मौसमों की फसल को कवर करते हुए मेघालय सरकार किसानों को 4.4 करोड़ की प्रीमियम राशि का 100 प्रतिशत तक अदा करेगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेघालय की 80 फीसदी आबादी खेती पर ही निर्भर है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मेघालय में खरीफ 2016 से प्रभावी होने के बाद से लागू की गई थी. इसे लागू करने के पीछे यही उद्देश्य है कि प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसल नुकसान की स्थिति में पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता मिल सके.
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान को खरीफ फसलों के लिए 2 फीसदी, रबी फसलों के लिए 1.5 फीसदी और बागवानी फसलों के लिए 5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
बारिश, तापमान, पाला, नमी आदि जैसी स्थिति में किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है. इससे बचने के लिए किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बहुत कम पैसे या प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करवाने की सुविधा मिलती है. बीमा कवरेज के तहत अगर बीमित फसल खराब हो जाती है तो इसकी पूरी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेघालय के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने एक बयान में कहा है कि फसल खराब होने की स्थिति में किसानों की आमदनी के जोखिम को कम करने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. इसके तहत राज्य के किसानों का समर्थन करने के लिए, मेघालय सरकार ने वित्त वर्ष 24 के दौरान खरीफ और रबी दोनों मौसमों को कवर करते हुए 4.4 करोड़ रुपये की मुफ्त प्रीमियम सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है.