केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पूर्वोत्तर दौरे के पहले दिन मिजोरम, इंफाल के थेनजोल स्थित बागवानी महाविद्यालय के दो नए भवनों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. बागवानी महाविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का ही हिस्सा है, जिसके प्रशासनिक सह अकादमिक और पारगमन भवन का केंद्रीय मंत्री चौहान द्वारा उद्घाटन किया गया.
खराब मौसम के कारण चौहान बागवानी महाविद्यालय नहीं पहुंच पाए, लेकिन वर्चुअल माध्यम से ही उन्होंने भवनों का उद्घाटन कर अपनी शुभकामनाएं दीं और संदेश भेजा. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संदेश में कहा कि मैं आज मिजोरम में थेनजोल आने वाला था लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर से थेनजोल पहुंचना संभव नहीं हो सका. इसके लिए मैं आपसे माफी चाहता हूं.
चौहान ने कहा कि मैं छात्रों और बेटे-बेटियों से भी बात करूंगा. मिजोरम अद्भुत प्रदेश है. पूर्वोत्तर को आगे बढ़ाना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है. विकसित भारत के लिए विकसित मिजोरम और विकसित मिजोरम के लिए, विकसित खेती और समृद्ध किसान जरूरी है.
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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि चाहे मिजोरम की फसलें हो, चाहे फल, पैशन फ्रूट्स, अदरक, हल्दी, गोभी, बैंगन, टमाटर इत्यादि सबका बहुत महत्व है. यहां के फूल की सुगंध सारी दुनिया को आकर्षित करती है. अब हमारा लक्ष्य है कि इन फसलों को केवल मिजोरम तक ही सीमित नहीं रहने देना है. इनकी मार्किटिंग, ब्राडिंग करके देश और दुनिया में भेजना है. इसमें हम कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. हमें किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है.
केंद्रीय मंत्री चौहान ने सभी से मिजोरम राज्य को विकसित बनाने में सहयोग करने का आह्वान भी किया. इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह, मुख्यमंत्री पु. लालदुहोमा और विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा भी उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम में किसानों और केवीके की भागीदारी के साथ नवीनतम बागवानी विकास को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें 1,500 से अधिक किसानों ने भाग लिया.
शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इंफाल), जालुकी, नागालैंड के पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय के प्रशासनिक-सह-शैक्षणिक खंड का उद्घाटन किया. इस अवसर पर नागालैंड के उपमुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री मेत्सुबो जमीर, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इंफाल) के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा भी उपस्थित थे.
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अपने उद्घाटन भाषण में चौहान ने कृषि और पशुधन क्षेत्र की प्रगति, नागालैंड के विशिष्ट उत्पादों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए नागालैंड राज्य को 338.83 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. उन्होंने नागालैंड सरकार से राज्य के कृषि और ग्रामीण विकास के लिए कार्य योजना बनाने को कहा और इस मामले में केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.