PMFBY: राजस्थान में अब तक इतने लाख किसानों ने ही कराया बीमा, 31 जुलाई है आवेदन का आखिरी दिन

PMFBY: राजस्थान में अब तक इतने लाख किसानों ने ही कराया बीमा, 31 जुलाई है आवेदन का आखिरी दिन

पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश में अब तक 2,23,772 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया है. कुल 7723 पटवार हल्कों में फसलों का बीमा किया जाना है. वहीं, जिन किसानों ने बीमा कराया है उनमें से 6,97,191 किसानों ऋणी किसान हैं और 74236 किसान गैर ऋणी किसान हैं.

PMFBY में अब तक 2.23 लाख किसानों ने ही फसलों का बीमा कराया है. PMFBY में अब तक 2.23 लाख किसानों ने ही फसलों का बीमा कराया है.
माधव शर्मा
  • Jaipur ,
  • Jul 29, 2023,
  • Updated Jul 29, 2023, 7:02 PM IST

खरीफ 2023 के लिए सरकार ने फसलों का बीमा करना शुरू कर दिया है. राजस्थान में भी किसानों ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं. हालांकि इस बार अभी तक किसानों की इस योजना में रजिस्ट्रेशन काफी कम हुए हैं क्योंकि सरकार ने देरी बीमा कंपनियों के टेंडर किए. इसीलिए पिछले दो दिन से किसानों की फसलों का बीमा होना शुरू हुआ है. इस पर भी अभी तक प्रदेश में बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 जुलाई ही रखी है. प्रदेश में अभी तक खरीफ 2023 के लिए 2,23,772 किसानों ने बीमा कराया है. पीएम फसल बीमा योजना का लाभ ऋणी और गैर ऋणी किसान उठा सकते हैं.

जानिए इस साल के आंकड़े क्या कहते हैं?

पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश में अब तक 2,23,772 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया है. कुल 7723 पटवार हल्कों में फसलों का बीमा किया जाना है. वहीं, जिन किसानों ने बीमा कराया है उनमें से 6,97,191 किसानों ऋणी किसान हैं और 74236 किसान गैर ऋणी किसान हैं. वहीं, इस योजना में अब तक 452.49 हजार हेक्टेयर भूमि का बीमा किया जा चुका है. 
इसके अलावा बीमा कराने वाले किसानों में से 86.79 प्रतिशत किसान पुरुष हैं और 13.07 प्रतिशत महिला किसान हैं. इसके अलावा 0.7 प्रतिशत अन्य किसान भी हैं.

वहीं, अगर किसानों की श्रेणी की बात की जाए तो अब तक बीमा कराने वाले किसानों में सिर्फ 9.23 प्रतिशत किसान एससी, 6.37 प्रतिशत एसटी, 60.77 प्रतिशत किसान ओबीसी और 23.63 फीसदी किसान सामान्य श्रेणी के किसान हैं. बीमा कराने वाले किसानों में 18.82 फीसदी सीमांत किसान, 49.42 प्रतिशत लघु और 31.76 फीसद किसान अन्य हैं. 

किसानों ने भरा इतना प्रीमियम, सरकार के प्रीमियम का यह है डेटा

इस योजना में 29 जुलाई तक किसानों ने अपने हिस्से से 30.36 करोड़ रुपये फसलों का प्रीमियम चुकाया है. वहीं, राज्य सरकार ने 85.35 करोड़ और इतने ही केन्द्र सरकार ने अपने हिस्से का प्रीमियम चुकाया है. यानी केन्द्र और राज्य सरकार ने 170.70 करोड़ रुपये का प्रीमियम चुकाया है.

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इस तरह अब तक कुल 201 करोड़ रुपये का प्रीमियम किसानों, राज्य और केन्द्र सरकार की ओर से चुकाया जा चुका है. इस तरह इस योजना में 1496.89 करोड़ रुपये का कुल इंश्योर्ड अमाउंट है. 

इस तरह के नुकसान पर मिलेगी बीमा की राशि

बीमित किसानों को खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जल भराव, कीट एवं व्याधि, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात से होने वाले नुकसान के लिए देय होता है. नुकसान का आकलन राज्य सरकार की ओर से कराया जाएगा. 

इसके अलावा फसल कटाई के बाद खेत में रखी फसल में अगर चक्रवात, चक्रवाती बारिश, असमय बारिश और ओलावृष्टि से व्यक्तिगत हुए नुकसान पर भी मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन यह मुआवजा कटाई के अधिकतम 14 दिन के अंदर हुए नुकसान पर ही देय होगा.

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इन फसलों के लिए दिया जाएगा मुआवजा

श्रीगंगानगर में संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जीआर मटोरिया ने बताया कि खरीफ फसलों में कपास, ग्वार, धान, मूंग, मूंगफली, बाजरा, मोठ व तिल का बीमा किया जाएगा. किसानों को खराबे की सूचना 72 घंटे के अंदर संबंधित इंश्योरेंस कंपनी के टोलफ्री नंबर पर देनी होगी. 

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