राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शनिवार को भरतपुर जिले के नदबई से 'मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' की चौथी किस्त जारी कर दी है. इस योजना की चौथी किस्त के तहत किसानों के बैंक खातों में 717.96 करोड़ रुपये हस्तांतरितकिए गए हैं. मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त जारी करने से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भरतपुर जिले के नदबई में जिला चिकित्सालय भवन का शिलान्यास किया. इसको लेकर उन्होंने कहा कि आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित यह चिकित्सालय भवन न केवल स्थानीय निवासियों, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगा.
राजस्थान के सीएम ने किस्त जारी करते हुए अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "धनतेरस के पावन पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'समृद्ध किसान, विकसित भारत' के संकल्प को साकार करने की दिशा में नदबई से मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रदेश के 71.8 लाख पात्र किसानों को चतुर्थ किश्त के रूप में 718 करोड़ रुपये की राशि का डीबीटी के माध्यम से अंतरण किया."
सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा कि यह पहल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से ग्रामीण आय को मज़बूत करने के राज्य के निरंतर प्रयास का हिस्सा है. उन्होंने याद दिलाया कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने कहा कि इस साल 2 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी की, जिसके तहत देशभर के 9.7 करोड़ किसानों को 20,500 करोड़ रुपये वितरित किए गए.
राज्य के सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि राजस्थान ने 30 जून, 2024 को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की, जिससे किसानों के लिए वार्षिक सहायता 6,000 रुपये से बढ़कर 8,000 रुपये हो गई. उन्होंने बताया कि इसे वित्तीय वर्ष 2025-26 से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की योजना है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसानों को अब केन्द्र और राज्य की संयुक्त पहल के तहत पारदर्शी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से प्रतिवर्ष 9,000 रुपये मिलेंगे.
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक राजस्थान में 71.79 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं. जमीनी स्तर के कार्यकर्ता और स्थानीय प्रतिनिधि व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गांवों में इस योजना के बारे में सक्रिय रूप से जागरूकता फैला रहे हैं.
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