पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना धीरे-धीरे ही सही, लेकिन राजनीतिक मुद्दा बन गई है. आम जनता भी ईआरसीपी को लेकर पिछले एक-दो साल में काफी जागरूकता आई है. इसीलिए जनता अब नेताओं से ईआरसीपी में हो रही देरी को लेकर सवाल पूछने लगी है. ऐसा ही एक वाकया कल गुरूवार को तब पेश आया जब केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत को करौली में कुछ युवाओं ने काले झंडे दिखा दिए. युवाओं की मांग ईआरसीपी को जमीन पर उतारने की थी. युवाओं ने एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष राजेन्द्र मनेमा के नेतृत्व में स्टेडियम के पास से गुजरते मंत्री के काफिले के दौरान कार के आगे आकर काले झंडे दिखाए.
युवाओं ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग के साथ नारेबाजी भी की. मौके पर मौजूद पुलिस ने वहां तीन-चार युवाओं को हिरासत में लिया और बाकी को वहां से खदेड़ दिया.
इसके बाद केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रेस कांफ्रेंस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच ईआरसीपी को लेकर सफाई दी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुली बहस की चुनौती दी. वहीं, युवाओं को हिरासत में लेने के विरोध में कांग्रेस ने कहा कि ईआरसीपी की आवाज को अब दबाया नहीं जा सकता. ईआरसीपी जनहित से जुड़ा मुद्दा है, इसे उठाना अपराध नहीं है. करौली में गिरफ्तार लोगों को तत्काल रिहा किया जाए.
कांग्रेस नेता और टोडाभीम के पूर्व विधायक घनश्याम महर ने शेखावत से काफिले को काले झंडे दिखाते हुए युवाओं का वीडियो ट्वीट किया. साथ ही उन्हें रिहा करने की मांग की. मंत्री शेखावत ने बाद में ट्वीट किया कि करौली में पार्टी संगठन की बैठक में ईआरसीपी के विषय पर कार्यकर्ता मित्रों से संवाद हुआ.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनहित की महती योजना को राजनीति का खेल बना दिया है, जिसका खामियाजा पूर्वी राजस्थान के 13 जिले भुगत रहे हैं. केंद्र सरकार ईआरसीपी पर गंभीर है और राज्य सरकार को सलाह और समझाइश दे रही है.
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए सिंचाई और पेयजल की योजना है जिससे 2051 तक इन जिलों को पानी की पूर्ति होनी है. ईआरसीपी के धरातल पर उतरने से 2.02 लाख हेक्टेयर नई सिंचाई भूमि बनेगी. साथ ही इन जिलों में पहले से बने 26 बांधों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा.
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हाल ही में इसमें 53 बांध और जोड़े गए हैं. इससे करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी है. इस काम को सात साल में पूरा होना है, लेकिन जिस रफ्तार से इसका काम चल रहा है, उससे देरी होना पक्का है. हाल ही में 15 अगस्त को मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस योजना में 53 अन्य बांधों को जोड़ने की घोषणा की. साथ ही ईसरदा बांध से जयपुर के लगभग सूखे पड़े रामगढ़ बांध में भी पानी लाया जाएगा.