मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में चीनी मिलों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करने के लिए सहकारिता विभाग, SUGARFED और वित्त विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की है. आपको बता दें हरपाल सिंह ने फाजिल्का चीनी मिल से संबंधित वेतन और सेवानिवृत्ति बकाया राशि का भुगतान करने के लिए तुरंत 10 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश दिया है. चीनी मिलों को पंजाब में सहकारी क्षेत्र की रीढ़ बताते हुए मंत्री ने उन्हें बचाए रखने के लिए सरकार के संकल्प को रेखांकित किया है. सरकार के इस फैसले से आने वाले दिनों में गन्ना की खेती कर रहे किसान को फायदा मिल सकता है.
बीते बुधवार को सोशल मीडिया फेसबुक पर लाइव आकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सरकार से गन्ने के दाम को बढ़ाने की अपील की है. अपील के साथ सरकार को चेतावनी भी दी गयी कि अगर सरकार इस बात को गंभीरता से नहीं लेती है और गन्ना के दाम को नहीं बढ़ाती है तो किसानों को गोली मारने के लिए तैयार रहे. चढ़ूनी के मुताबिक हरियाणा में सरकार बनने के बाद बीजेपी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी. पिछले 8 सालों में महंगाई 7 फीसदी बढ़ गई, फिर भी गन्ने के दाम मात्र 2 प्रतिशत बढ़े हैं. चढूनी सहित अन्य किसानों की सरकार से मांग है कि ज्यादा नहीं तो कम से कम थोड़ा रेट बढ़ा दिया जाए ताकि गन्ने की खेती कर रहे किसानों को राहत मिल सके. इस बात को गंभीरता से लेते हुए पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वित्त विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की जहां इन मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा की गयी है.
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भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए चढ़ूनी ने कहा कि पिछले 8 सालों में गन्ने की कीमत में सिर्फ 52 रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि साल 2008 से गन्ना छीलने की मजदूरी दोगुनी हो गई है. ऐसे में गन्ना की खेती कर रहे किसानों को सिर्फ निराशा हाथ लग रही है. चढ़ूनी ग्रुप पिछले लंबे समय से गन्ने के भाव को बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार इस लगातार किसानों की बात को टालती नजर आ रही है.
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